यह भी पढ़ें
अपने गांव को संवारना चाहते हैं तो आगे आइए, अच्छा मौका है
कोविड-19 वायरस, अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित कर रही है। कुछ का लक्षण दिख रहा तो कुछ का लक्षण छुपा हुआ है। पर ऐसे लोग अस्पताल में भर्ती हुए बिना ठीक हो जाते हैं। इसके बावजूद सतर्कता बरतना जरूरी है। अगर बुखार, खांसी, थकान, स्वाद और गंध न पता चलना, गले में खराश, सिरदर्द, खुजली और दर्द, दस्त, त्वचा पर चकत्ते आना या हाथ या पैर की उंगलियों का रंग बदल जाना और लाल या सूजी हुई आंखें जैसे लक्षण दिखाई दे तो तुरंत सतर्क हो जाएं और डाक्टर से सम्पर्क करें। यह भी पढ़ें
Opinion : वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, इसे खत्म करने की जिम्मेदारी सबकी है
वैसे तो यूपी 24 करोड़ कोरोना टीके की डोज लगाने वाला पहला राज्य बना चुका है। अब 15-17 आयु वर्ग के किशोरों को टीका लगाया जा रही है। लगभग 48 प्रतिशत किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है। अभिभावकों को चाहिए की कि, अपने बच्चों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए टीका करवा लें। किसी भ्रम में न पड़ें। गांवों में लोग बहुत ही डर रहे हैं। कुछ जागरुक लोगों का आगे आकर उनकी समस्या का निदान करना चाहिए। क्योंकि इस वक्त राष्ट्रीय संकट है। और सभी को मिल कर इस कठिन समय का सामना करना है। तो कोरोनावायरस के टीकाकरण में सरकार का सहयोग करें। और लापरवाही से बचें। कोविड-19 गाइडलाइन का पूरा पालन करें। वैसे हमारे स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्करों, निगरानी समितियों, स्थानीय प्रशासन और साथ ही वे जिन्होंने उत्साह के साथ टीकाकवर लिया, सभी अभिनंदन के पात्र हैं। कोराना की हार तय है। (संकुश्री)