दो दिवसीय कबीर जन्मोत्सव सम्पन्न बनारस में मां गंगा की विश्व प्रसिद्ध आरती की परंपरा का अनुसरण करते हुए 11 वेदियों से महंत देव्यागिरि के सानिध्य में शुक्रवार को आचार्य शिवराम अवस्थी की अगुआई में आदिगंगा मां गोमती की आरती, मनकामेश्वर घाट उपवन में, विधि-विधान से घंटे, शंख, नगाड़े के साथ की गई। विश्व पर्यावरण दिवस के कारण नदी को निर्मल रखने का संकल्प लिया गया। पूर्णिमा आरती में प्रतिभाग करने वाले लोगों को भी पौधे भेंट किये गए। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा पर संत कबीर का जन्मोत्सव भी मनाया गया। इस दो दिवसीय समारोह में जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर गुरुवार को कबीर भजनों की प्रतियोगिता, डालीगंज के मनकामेश्वर मठ परिसर में करवायी गई। उसमें 15 से 40 आयु तक के प्रतिभागियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। उसके प्रतिभागियों को पूर्णिमा आरती समारोह में शुक्रवार को सम्मानित किया गया।
सम्मानित होने वाली पिंकी निषाद ने “उड़ जायेगा हंस अकेला जग दर्शन का मेला”, ज्योति सैनी ने “मसि कागद छूऔं नहीं, कलम गहौं नहि हाथ, चारों जुग कै महातम कबिरा मुखहिं जनाई बात”, कोमल कश्यप ने “पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय”, प्रिया पाल ने “दुख-सुख एक समान है, हरष शोक नहिं व्याप, उपकारी निहकामता, उपजै छोह न ताप” और निशा चौहान ने “कबिरा संगत साधु की, ज्यों गंधी का बास, जो कुछ गंधी दे नहीं, तो भी बास सुवास” कबीर भजन सुनाया। इस क्रम में कोमल कश्यप, काजल कश्यप, कल्यणगिरि, गोलू पाण्डे ने भी अपने गायन में साथ दिया। इस अवसर पर उपमा पाण्डेय, मुकेश गुप्ता, अंकुर पाण्डेय, अमित कन्नौजिया, मुक्तेश सैनी, तरुण अग्रवाल, सहित अन्य ने वेदिकाओं के श्रंगार आदि किया था।
पर्यावरण दिवस पर विभिन्न पार्कों में रोपित किये गए तुलसी के पौधे विश्व पर्यावरण दिवस पर महंत देव्यागिरि ने मनकामेश्वर घाट पर तो पौधरोपण किया ही साथ ही शहर के विभिन्न पार्कों में 51 तुलसी के पौधे भी रोपित किये। इसके साथ ही विष्णुकांता, सदाबहार, अशोक आदि के पौधे भी रोपित किए। इसके लिए वह सुबह अपने वाहन से आईटी चौराहे से डंडइया बाजार होते हुए जानकीपुरम के पंचमहादेव पार्क तक गई। उन्होंने विभिन्न पार्कों में पौधरोपण कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया वहीं कोरोना के दौर में शारीरिक प्रतिरोधकता क्षमता बढ़ाने के लिए तुलसी सेवन के प्रति जागरुक भी किया। इस अभियान में संजय सिंह और राजेन्द्र प्रसाद सहित अन्य ने सक्रीय भूमिका अदा की।