गृहमंत्री अमित शाह का यूपी दौरा, जनता को दिए कई अहम तोहफे करीब 100 फीट खाई में गिर पड़े रितेश :- अंतू थाना क्षेत्र के पूरे भैया गांव के रहने वाले रितेश पाल सेना के इंजीनियरिंग कोर में नायक के पद पर कार्यरत थे। उनकी पोस्टिंग हिमाचल प्रदेश के मनाली में थी। शुक्रवार सुबह भारी बरसात हुई थी तथा भारी बर्फ पड़ी थी। मनाली के कलिंग सराय के लाहौल प्रीती स्थान पर जो कि मनाली लेह हाईवे पर स्थित है। वहां पर वह अपनी पार्टी के साथ सड़क पर मशीन से बर्फ हटवा रहे थे। अचानक पहाड़ का टुकड़ा टूट कर गिर पड़ा। भूस्खलन की चपेट में आने से वह करीब 100 फीट खाई में गिर पड़े। सेना के जवानों ने उन्हें बाहर निकाला, लेकिन तब तक रितेश पाल देश के लिए शहीद हो गए थे ।
छोटे भाई को शहीद होने की सूचना दी :- उनकी यूनिट के अधिकारियों ने सेना में ही तैनात उनके छोटे भाई को उनके शहीद होने की सूचना दी। शहीद रितेश पाल के शव का पोस्टमार्टम हिमाचल के सेना के हेडक्वार्टर केलांग में किया गया। वहां पर सेना के अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहां से नायब सूबेदार अजय कुमार के नेतृत्व में सेना के जवानों ने अपनी सेना की गाड़ी से सड़क मार्ग से शहीद के शव को सेना के हेडक्वार्टर प्रयागराज लेकर आए। वहां से रोड के जरिए शहीद का शव जनपद मुख्यालय पहुंचा तो रात में ही जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक ने शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया।
यूपी सरकार ने मदद को बढ़ाए हाथ :- भूस्खलन में शहीद जवान रितेश पाल के परिजनों को सरकार ने 50 लाख की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को नौकरी, व एक सड़क का नामकरण शहीद के नाम करने की घोषणा की है। पर ग्रामवासियों की मांग है स्वशाषी चिकित्सा महाविद्यालय का नाम शहीद रितेश पाल के नाम से किया जाय, ताकि शहीद का गौरव हमेशा बना रहे।