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लखनऊ

यूपी में जिला चिकित्सालयों और मेडिकल कॉलेजों में भर्ती अभियान शुरू

बाल रोग विशेषज्ञों और पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए मांगे गए आवेदन, बीआरडी के पीकू मॉडल को प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों में लागू करने की तैयारी

लखनऊMay 25, 2021 / 04:27 pm

Neeraj Patel

Recruitment campaign

Recruitment campaign started in District Hospitals and Medical College

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) की सम्भावना को देखते हुए सभी जिलों में सरकार की ओर से सभी जिला चिकित्सालयों और मेडिकल कॉलेजों में भर्ती अभियान शुरू हो गया है। इसके साथ ही बाल रोग विशेषज्ञों और पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए भी आवेदन मांगे गए हैं। वहीं योगी सरकार बीआरडी के पीकू मॉडल को पूरे प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों में लागू करने की तैयारी में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने कहा कि कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को मजबूती के साथ बढ़ाने का कार्य हो रहा है। थर्ड वेव की आशंका को देखते हुए सभी मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों में पीआईसीयू एवं एनआईसीयू के निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। मैनपावर की रिक्रूटमेंट और ट्रेनिंग की कार्यवाही निरंतर चल रही है। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को रिक्रूटमेंट के लिए अधिकृत किया गया है। इसके साथ ही बाल रोग विशेषज्ञों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को देखते हुए भर्ती के लिए भी आवेदन मांगे गए हैं।

कोरोनावायरस (Corona Virus) तीसरी लहर के मद्देनजर मानव संसाधन प्रबंधन का कार्य तेज कर दिया गया है। पिछले 20 दिन में जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सक समेत 2788 लोगों को नियुक्ति दी गई है। इनमें 46 फैकल्टी, 12 सीनियर रेजिडेंट, 167 जूनियर रेजिडेंट, 140 इंटर्न, 1376 नर्सेज, 292 वार्ड बॉय, 67 तकनीशियन और 184 स्वीपर शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे तत्काल बढ़ाने का निर्देश दिया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि ईसंजीवनी ऐप रजिस्टर्ड 970 चिकित्सक हर दिन सुबह 9:00 से दोपहर 2:00 बजे तक ऑनलाइन कंसल्टेशन दे रहे हैं। इसका अब तक 1800 से अधिक लोगों ने लाभ उठाया है।

मे‌डिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में लागू होगा पीकू मॉडल

कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है। इस आशंका को देखते हुए यूपी के सभी मेडिकल कालेजों में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) यानी पीआईसीयू तैयार किए जा रहे हैं। सूबे के चिकित्सा संस्थानों में पीआईसीयू बीआरडी मेडिकल कालेज के तर्ज पर तैयार किए जाएंगे। शासन ने बीआरडी के पीआईसीयू मॉडल करार दिया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज का पीआईसीयू (पीडियाट्रिक आईसीयू) और एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) वार्ड का मॉडल पूरे प्रदेश के सभी मे‌डिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में लागू होगा। कोरोना की तीसरी लहर से पहले राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की टीम ने कॉलेज के पीआईसीयू और एनआईसीयू वार्ड का अध्ययन करते हुए इसे प्रदेश का सबसे उत्तम और आधुनिक बताया है। शासन की पहल पर राम मनोहर लोहिया से पांच सदस्यीय टीम वार्ड का ‌अध्ययन करने सोमवार को बीआरडी पहुंची ‌थीं।

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बीआरडी में बाल रोग विशेषज्ञों की कोई कमी नहीं

टीम ने वार्डों को देखकर संतुष्टि जताते हुए इसे प्रदेश का सबसे शानदार वार्ड भी बताया। इस पर बीआरडी मे‌डिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश कुमार ने बताया कि शासन स्तर से राम मनोहर लोहिया की टीम कॉलेज के पीआईसीयू और एनआईसीयू वार्ड देखने आई थी। पूरे प्रदेश में सबसे शानदार एनआईसीयू और पीआईसीयू बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हैं। टीम ने सभी वार्डों को देखकर उसका अध्ययन किया है। साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में भी यही व्यवस्था लागू होगी। बताया कि मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विशेषज्ञों की कोई कमी नहीं है। समृद्ध बाल रोग विशेषज्ञ कॉलेज में हैं। इस दौरान डॉ महिम मित्तल, डॉ पवन प्रधान, बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अनीता मेहता आदि मौजूद रहे।

तीसरी लहर में बच्चों को नहीं होगी कोई परेशानी

डॉ गणेश कुमार ने बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 450 बेड का बाल रोग संस्थान है। इसमें 110 बेड वेंटिलेटर के पीडियाट्रिक आईसीयू में है। 120 बेड का एनआईसीयू है। इसके अलावा 44 बेड एचडीयू (हाई डिपेंडिसी यूनिट) के हैं। अन्य सामान्य बेड हैं। जबकि एनआईसीयू और पीआईसीयू के लिए डॉक्टरों की अलग-अलग टीम है। इन वार्डों में विशेषज्ञ डॉक्टर बच्चों का इलाज करते हैं। कॉलेज में 30 बाल रोग विशेषज्ञों की तैनाती है। इनमें डॉक्टरों की अलग-अलग विशेषज्ञों की टीम है। पीडियाट्रिक के सर्जन भी बीआरडी में मौजूद है। ऐसे में तीसरी लहर में बच्चों को कोई भी परेशानी नहीं होगी।

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