आमतौर पर यूवी लाइट आम आदमी के लिए हानिकारक होती है। क्योंकि यह यूवी लाइट पर ही चलती है, इसलिए इस काम के लिए रोबोट का इस्तेमाल किया जाएगा। जब तक रोबोट बोगी को डिसइंफेक्ट करेगा तब तक उस बोगी में कोई भी दाखिन नहीं होगा, ताकि मशीन से निकली हुई किसी भी तरह की हानिकारक किरणों के दुष्प्रभाव से बचा जा सके।
आपरेशन थिएटरों में सर्जिकल इन्ट्रूमेंट यूवी लाइट से ही क्लीन किया जाता है। इसी यूवी लाइट का प्रयोग ट्रेन की बोगियों में किया जाएगा। पूरे रैक के बीस कोचेज को सैनिटाइज करने में चालीस से पैंतालीस मिनट का वक्त लगेगा।
रेलवे अभी दिल्ली-लखनऊ शताब्दी में इस तकनीक का प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल शुरू करने जा रहा है। जल्द ही कालका शताब्दी में भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा।