सपा ने विधानसभा चुनाव में 111 सीटें जीती जबकि 14 सीट सहयोगियों ने जीती हैं इस तरह सदन में सपा गठबंधन के कुल 125 विधायक हैं हालांकि परिषद में उसे नेता प्रतिपक्ष का पद गंवाना पड़ा है माना जा रहा है कि विधानसभा परिषद चुनाव के बाद सभी कमेटियां भंग कर दी जाएंगी लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने तत्काल कमेटी भंग करने के बजाए वस्तु स्थिति का आकलन करना ज्यादा जरूरी समझा इस क्रम में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने महानगर अध्यक्षों एवं जिला अध्यक्षों से विधानसभा क्षेत्रवार हार के कारणों पर रिपोर्ट मांगी और सक्रिय सदस्यों की सूची भी तलब की है। विधानसभा क्षेत्रवार आई रिपोर्ट पर शीर्ष नेतृत्व में मां भार मंथन किया इसके बाद प्रदेश कार्यालय से एक रिपोर्ट राष्ट्रीय कार्यालय को भेजी गई है अब बदलाव की तैयारी है।
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यूपी में आ गई कोरोना की चौथी लहर, 305 नए केस, कोरोना से हुई मौत पार्टी सूत्रों का कहना है कि पहले फ्रंटल संगठनों की कमेटियों को भंग कर नए सिरे से गठन होगा इसके बाद मुख्य कमेटी में भी बदलाव होंगे शीर्ष नेतृत्व की रणनीति है कि लंबे समय से पार्टी में संघर्षशील रहने वाले युवाओं को आगे किया जाए ताकि वह जनहित के मुद्दे को धमाकेदार तरीके से उठा सकें सदन में विधायक जनता की आवाज बनेंगे तो सड़क पर संगठन खड़ा रहेगा ताकि वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत का ग्राफ बढ़ाया जा सके।
सूत्रों का कहना है कि अब जिलों में पुराने पैटर्न पर जिला अध्यक्षों का मनोनयन नहीं होगा जिले की कमान सौंपने से पहले उसकी नेतृत्व क्षमता का आकलन किया जाएगा संबंधित व्यक्ति की स्वीकार्यता सामाजिक समीकरण पार्टी में कार्य करने की स्थिति संघर्ष हिलता आदि की कसौटी पर खरा उतरने वाले को ही जिले की कमान सौंपी जाएगी कुछ ऐसी ही स्थिति फ्रंटल संगठनों की भी रहेगी।