यह भी पढ़ें – 10th और 12th के छात्रों के लिए झटका, अब पहले जैसे नहीं होंगे बोर्ड एग्जाम
क्या है साक्षर भारत योजना
साक्षर भारत योजना के तहत प्रदेश की 49,921 ग्राम पंचायत में एक महिला और के पुरुष नियुक्त किया गया था। प्रदेश में कुल 99,842 प्रेरक कार्यरत हैं, जिन्हें दो हज़ार रूपए महीने मानदेय दिया जाता है। ये प्रेरक 15 साल या उससे के ऊपर के अशिक्षित लोगों को साक्षर बनाने का काम करते हैं। इन प्रेरकों का काम 15 साल या इससे ऊपर के लोगों को पढ़ने के लिए प्रेरित करना था।
यह भी पढ़ें – यूपी में अधिकारियों के इन पदों पर होगी सीधी भर्ती, सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया बड़ा एलान!
मामले में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सचिव एवं निदेशक अवध नरेश शर्मा के अनुसार साक्षर भारत योजना को 30 सितम्बर तक के लिए ही स्वीकृति मिली है। इसे 30 सितम्बर से आगे जारी रखने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने 30 सितम्बर के बाद योजना को संचालित करने की अनुमति नहीं दी है। जिसके कारण साक्षर भारत योजना 30 सितम्बर के बाद संचालित नहीं की जाएगी।
यह भी पढ़ें – शिक्षकों की भर्ती में हुआ बड़ा बदलाव, हाईकोर्ट ने दिया एक और झटका!
सचिव एवं निदेशक अवध नरेश शर्मा ने बताया कि सभी जिला लोक सेवा समितियों के सचिव को योजना के लिए संविदा पर नियुक्त जिला समन्वयक, ब्लाक समन्वयक और प्रेरकों की संविदा अवधि को 30 सितम्बर के बाद आगे नहीं बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
यह भी पढ़ें – शिक्षा मित्रों पर अटका बड़ा पेंच, तो सीएम योगी ने निकाली 1.25 लाख नई वैकेंसी!
30 सितम्बर के बाद योजना पर किसी भी मद में कोई व्यय नहीं करने को कहा गया है। अवध नरेश शर्मा ने योजना से जुड़े 70 जिलों की जिला लोक सेवा समितियों को 30 सितम्बर के बाद योजना का संचालन न करने औऱ योजना के लिए नियुक्त संविदा कर्मचारियों की संविदा अवधि न बढ़ाने के निर्देश दिये हैं।