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लखनऊ

Teachers Day : प्रदेश के इन टीचर्स ने अपने प्रयासों से बदला हवा रुख, मिला बड़ा सम्मान

Teachers Day : राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 के लिए 73 शिक्षक हुए चयनित

लखनऊSep 03, 2020 / 08:40 pm

Hariom Dwivedi

Teachers Day : ये हैं प्रदेश के फेमस टीचर जिन्होंने बदली समाज की दिशा

अलग-अलग खूबियों की वजह से राज्य के 73 शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 दिया जाएगा

लखनऊ. Teachers Day : शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर उत्तर प्रदेश के 73 जिलों के उन शिक्षक शिक्षकाओं को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष कार्य किये, जिनकी वजह से समाज की दिशा बदली। अलग-अलग खूबियों की वजह से राज्य के 73 शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 दिया जाएगा। इसमें हाथरस और कौशाम्बी जिलों का नाम नहीं शामिल है। इस पुरस्कार के तहत राज्य सरकार की तरफ से एक प्रशस्ति पत्र, अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह व 25 हजार रुपए नगद व 2 वर्षों का सेवा विस्तार शामिल है। आइए जानते हैं कि कुछ चुनिंदा शिक्षकों के बारे में जिन्हें शिक्षक दिवस पर राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 से सम्मानित किया जाएगा।
खो-खो व एथलेटिक्स ने दिलाया सम्मान
कानपुर देहात से जिला व्यायाम शिक्षिका का दायित्व संभाल रही नीतू कटियार को राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। खेलों में विशेष रुचि रखने वाली नीतू जिले के मलासा ब्लॉक के बिहारी गांव में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात हैं। नीतू मूलरूप से कानपुर के शारदा नगर निवासी हैं। बच्चों की वह प्रिय शिक्षिका हैं। नीतू कटियार ने बताया कि शुरुआत से ही उनकी खेलों में रुचि रही है। वह राष्ट्रीय स्तर पर खो-खो व एथलेटिक्स खिलाड़ी रह चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अगर में लक्ष्य प्राप्ति का जुनून और धैर्य है तो कोई भी मंजिल असंभव नहीं है।
Teachers Day : ये हैं प्रदेश के फेमस टीचर जिन्होंने बदली समाज की दिशा
मिसाल बना विद्यालय
आजमगढ़. कहते हैं कि इरादे नेक हों और कुछ करने की ईच्छाशक्ति हो तो व्यवस्था को बदलने में देर नहीं लगती। राज्य अध्यापक पुरस्कार हासिल करने वाले जिले के प्राथमिक विद्यालय भैरोपुर के प्रधानाध्यापक सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने इसे साबित कर दिखाया है। आज यह प्राथमिक विद्यालय पब्लिक स्कूलों से कहीं आगे है। यहां के लोग अपने बच्चों को पब्लिक स्कूल में भेजने के बजाय परिषदीय विद्यालय में भेजना ज्यादा पसंद करते हैं। खास बात है कि सुरेंद्र सिंह ने स्कूल में ज्यादातर कार्य जन सहयोग से कराया है और उनका विद्यालय आज पूरे जिले के लिए मिशाल है। वर्ष 2015-16 में उत्कृष्ट कार्य के लिए सुरेंद्र प्रसाद सिंह को विद्यालय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अपने शिक्षा काल में खुद सुरेंद्र प्रसाद सिंह वालीबाल के अच्छे प्लेयर रहे। इसके स्कूल के कई बच्चे एथेलेटिक्स में राष्ट्रीय स्तर तक की प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं।
Teachers Day : ये हैं प्रदेश के फेमस टीचर जिन्होंने बदली समाज की दिशा
बालिका शिक्षा को किया प्रोत्साहित
रायबरेली. राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 के लिए अमावां विकास क्षेत्र की शिक्षिका कांति देवी गुप्ता को चयनित किया गया है। वह 33 वर्षों से बेसिक शिक्षा विभाग में कार्य कर रही है। वर्ष 1987 में प्राथमिक विद्यालय लोधवा मऊ से सेवाएं देनी शुरू की थी। रसेहता स्कूल में 2015 से प्रधानाध्यापक हैं। अपने सेवाकाल में उन्होंने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास किया है। यह स्काउटिंग गाइडिंग के साथ ही समाज सेवा से भी जुड़ी रहती हैं। उनकी हमेशा कोशिश रही है कि ग्रामीण अंचलों में आठवीं के बाद बच्चियां घर पर न बैठें, बल्कि उनकी पढ़ाई जारी रहे। इसके लिए वह अभिभावकों को लगातार जागरूक करती रहीं। साथ ही लड़कियों को हर मदद देती रही। स्कूल में वह पढ़ाने के साथ-साथ पौधारोपण, स्काउट, खेलकूद जैसे काम भी करते रहते हैं।
Teachers Day : ये हैं प्रदेश के फेमस टीचर जिन्होंने बदली समाज की दिशा
बच्चियों की सुरक्षा-सम्मान के लिए किया काम
सीतापुर. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अलावा बच्चियों की सुरक्षा एवं सम्मान के लिये काम करने वाली शिक्षिका नीलम कुमारी को राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 के लिए चयनित किया गया है। वह खैराबाद विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय मिश्रापुर में प्रधानाध्यापिका के पद पर तैनात हैं। वह बेसिक शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि शिक्षिका की प्रथम नियुक्ति तिथि वर्ष 2002 में हुई थी। जानकारी पर जिलाधिकारी ने विद्यालय में जाकर शिक्षिका को बधाई देते हुए पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित भी किया। उन्होंने शिक्षिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि निश्चित रूप से नीलम कुमारी का विद्यालय, छात्र एवं शिक्षण के प्रति त्याग, अनुकरणीय, प्रशंसनीय एवं स्तुत्य है। जनपद के अन्य अध्यापकों को भी नीलम कुमारी से सीख लेना चाहिए।
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पूरा किया पिता का सपना
उन्नाव. राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए जनपद से डॉक्टर रश्मि तिवारी निवासी लोक नगर सदर कोतवाली को चुना गया है। डॉ. तिवारी वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय वसीर गंज में प्रधान अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि विशिष्ट बीटीएस के जरिए उनकी बेसिक शिक्षा में शिक्षक पद पर नियुक्ति हुई थी। 2013 से वह वसीर गंज प्राथमिक विद्यालय में अपनी सेवाएं दे रही हैं। पुरवा विकासखंड के सुब्बा खेड़ा गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में भी वह अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिता का सपना था कि मुझे अध्यापक पुरस्कार मिले जो अब जाकर पूरा हुआ है।
Teachers Day : ये हैं प्रदेश के फेमस टीचर जिन्होंने बदली समाज की दिशा
गुड व बैड टच सिखाया
इटावा. जिले के उच्च प्राथमिक विद्यालय रामनगर की इंचार्ज प्रधानाध्यापक प्रतिभा तिवारी को राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 प्रदान किया जायेगा। प्रतिभा तिवारी ने महिला सशक्तिकरण व बालिका शिक्षा के लिए भी खूब काम किया है। इसके लिए वर्ष 2018 में महिला सशक्तिकरण दिवस पर तत्कालीन जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने भी उन्हें सम्मानित किया था। वर्ष 2019 में जिलाधिकारी जितेंद्र बहादुर सिंह ने नुमाइश पंडाल में उन्हें सम्मानित किया। मीना मंच को सक्रिय करने में प्रतिभा तिवारी की खासी भूमिका रही हैय़ बालिकाओं को गुड टच व बेड टच की जानकारी दी उनके द्वारा दी गई।
Teachers Day : ये हैं प्रदेश के फेमस टीचर जिन्होंने बदली समाज की दिशा
पुरस्कार पिता को किया समर्पित
मिर्जापुर. सरकारी स्कूल में बेहतर शिक्षा देने के लिए जिले के छानबे विकासखंड के जासा बघौड़ा निवासी शिक्षक विनोद मिश्रा को राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। जिले से राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए 6 लोगों का साक्षात्कार लिया गया था, जिनमें से विनोद कुमार मिश्रा को चयनित किया गया है। वह वर्ष 1997 से शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं। विनोद कुमार मिश्रा का कहना है कि यह पुरस्कार वह अपने पिता स्वर्गीय रामरक्षा मिश्र को समर्पित करते हैं, क्योंकि उन्होंने ही इस काबिल बनाया कि वह शिक्षा देकर समाज में बदलाव ला सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय आधुनिक युग का है, ऐसे समय में हाईटेक होना जरूरी है।
पुरस्कार में क्या मिलेगा?
Teachers Day : ये हैं प्रदेश के फेमस टीचर जिन्होंने बदली समाज की दिशा
बच्चों को भाने लगा परिषदीय स्कूल
गाजीपुर. जनपद में 10 हजार से अधिक शिक्षक हैं, लेकिन राज्य पुरस्कार सम्मान 2019 के लिए रितेश सिंह को चयनित किया गया है। गाजीपुर की सदर तहसील के खालिसपुर गांव निवासी रितेश सिंह उच्च प्राथमिक विद्यालय गोसलपुर, बाराचवर में शिक्षण कार्य करते हैं। उनके पिता जी और बाबा भी शिक्षक रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में जब उनकी नियुक्ति इस विद्यालय में हुई थी, तो हालात कुछ ठीक नहीं थे। अब यहां बच्चों की संख्या में काफी इजाफा हो गया। सम्मान के लिए उन्होंने अपने पिता-दादा के साथ ही गांव की जनता और प्रधान की प्रेरणा को बताया है।
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कोरोना के बीच बच्चों का बढ़ाया उत्साह
लखीमपुर-खीरी. शिक्षक दिवस पर होने वाले राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में खीरी जिले की शिक्षिका आदित्य कुमारी भी सम्मानित की जाएंगी। यह सम्मान शिक्षिका को कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए अपनाए गए सफल तरीकों के चलते दिया जाएगा। राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 के लिए उत्तर प्रदेश के 73 शिक्षकों को चयनित किया गया है। आदित्य कुमारी उच्च प्राथमिक विद्यालय कालाडुण्ड में बतौर नवाचारी विज्ञान शिक्षिका के तौर पर तैनात हैं। कोरोना महामारी के बीच उन्होंने न केवल आनलाइन क्लास और मोबाइल के जरिए बल्कि स्वयं गांव पहुंचकर दीक्षा एप, दूरदर्शन चैनल, रेडियो इंग्लिश प्रोग्राम, डिजिटल बुक्स के जरिए बच्चों को शिक्षा दी। यही नहीं उन्होंने यूट्यूब व गुरुशाला के माध्यम से शिक्षण कार्य किया। इतना ही नहीं शिक्षिका ने भारत सरकार के डिजिटल इंडिया ‘रेस्पांसिवल यूथ फार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ प्रोग्राम में 96 बच्चों का रजिस्ट्रेशन कराया। 50 छात्रों ने आनलाइन ट्रेनिंग पूर्ण की। छात्रों ने आदित्य कुमारी के मार्गदर्शन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए अपने आइडिया आनलाइन सबमिट किए हैं।
Teachers Day : ये हैं प्रदेश के फेमस टीचर जिन्होंने बदली समाज की दिशा
कार्यकुशलता की बदौलत जीत चुकी हैं कई पुरस्कार
बहराइच. राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 के लिए जिले की शिक्षिका आँचल श्रीवास्तव का नाम चयनित किया गया है। अपनी कार्य कुशलता की बदौलत आंचल मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के हाथों सम्मानित हो चुकी हैं। इसके अलावा पांच परियोजना बनाने, मिशन प्रेरणा लक्ष्य में आसान तरीके से बच्चों की पढ़ाई के लिये तैयार किये गए वीडियो के लिये राज्य परियोजना की ओर से सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का भी पुरस्कार मिल चुका है। इसके साथ ही जिला स्तर पर भी शिक्षा के क्षेत्र में तमाम बार शिक्षक सम्मान से आँचल श्रीवास्तव को नवाजा जा चुका है। शिक्षिका आँचल का कहना है कि हमारे सभी उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन से ये उपलब्धि मिली है। इसके लिये हम हमेशा सबके आभारी रहेंगे। अपनी जिम्मेदारी का निष्ठा और ईमानदारी के साथ पालन करते रहेंगे।
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