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लखनऊ

Unnao Case : CBI ने कोर्ट को बताया, कुलदीप सेंगर ने ही पीड़िता से किया था दुष्कर्म, पेश किये सुबूत

– तीस हजारी विशेष कोर्ट में Unnao Case की हुई सुनवाई- सीबीआई ने कोर्ट को सौंपे अहम सुबूत, कहा- शशि सिंह के साथ मिलकर Kuldeep Sengar ने किया था रेप

लखनऊAug 07, 2019 / 03:06 pm

Hariom Dwivedi

Kuldeep Singh Sengar

Unnao Case : सीबीआई ने कुलदीप सेंगर का खेल किया खत्म, जज के सामने ही सारे आरोपों पर पेश किये सुबूत

लखनऊ. दिल्ली की तीस हजारी विशेष सीबीआई कोर्ट में उन्नाव मामले (Unnao Rape Case) की सुनवाई हुई। उन्नाव कांड की जांच कर रही सीबीआई (CBI) ने बुधवार को कोर्ट में कई अहम सुबूत किये। सीबीआई ने कहा कि जांच में सामने आया है कि दुष्कर्म पीड़िता के आरोप बिल्कुल सही हैं। बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने पीड़िता से बलात्कार किया था।
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि चार जून 2017 को रात आठ बजे पीड़िता से बलात्कार हुआ था। उस वक्त पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से कम थी। सीबीआई ने सूबूत पेश करते हुए कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर ने ही शशि सिंह के साथ मिलकर पीड़िता से रेप की साजिश रची थी। पीड़िता ने दुष्कर्म की बात सबसे पहले अपनी चाची को बताई थी।
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नौकरी दिलाने के बहाने ले गये थी शशि सिंह
16 अप्रैल 2018 को सीबीआई कोर्ट लखनऊ में पीड़िता ने दिये बयान में कहा कि नौकरी दिलाने के बहाने शशि सिंह पीछे के दरवाजे से उसे विधायक के घर ले गयी। उस दिन विधायक के घर पर कोई नहीं था। सीबीआई को इस केस में कोई चश्मदीद नहीं मिला, लेकिन बाकी सबूत यह साबित करते हैं अपराध हुआ है।
सीएम योगी ने सुनी फरियाद तो उन्नाव कोर्ट में दी थी अर्जी
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि दुष्कर्म के मामले को लेकर पीड़िता ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा था। 12 जनवरी 2018 तक मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई। 12 जनवरी 2018 को पीड़िता की मां ने उन्नाव कोर्ट में अर्जी दी। तीन अप्रैल को 2018 को सुनवाई के लिए पीड़िता के पिता दिल्ली से उन्नाव कोर्ट पहुंचे। पुलिस ने कोर्ट में रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि विधायक पर लगे सारे आरोप गलत हैं। उसी दिन पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटा गया और फिर उन्हें आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। नौ अप्रैल को जेल में उनकी मौत हो गई।
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पीड़िता को डराया-धमकाया गया
सीबीआई रिपोर्ट में बताया गया है कि इसके बाद पूरा सिस्टम सक्रिय हुआ। मामले में 12 अप्रैल को 2018 को पुलिस ने केस दर्ज किया और फिर मामला सीबीआई के सौंपा गया। इसके बाद सीबीआई ने लखनऊ कोर्ट में चार्जशीट फाइल की। जांच में पीड़िता के आरोप सही पाए गए हैं। सीबीआई ने कोर्ट में बताया कि मामला दर्ज होने के बाद पीड़िता को बुरी तरह डराया-धमकाया गया।
सेंगर के वकील ने आरोपों को नकारा
मामले में कुलदीप सेंगर के वकील ने डिस्चार्ज एप्लीकेशन लगाते हुए आरोपों को नकारा है। एप्लीकेशन में कहा गया है कि सीबीआई जिन दस्तावेजों के आधार पर बहस कर रही है, उन के आधार पर केस नहीं बनता। साथ ही वकील ने कहा कि पीड़िता या उसकी मां ने विधायक द्वारा रेप की बात एक साल बाद क्यों बताई गयी।मामले में सीबीआई के पास कोई भी मेडिकल और फोरेंसिक सबूत नहीं हैं।
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