विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र में मंदिरों से संबंधित घोषणा का वादा किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने इन वादों को जल्द पूरा कराने के लिए प्रयासरत हैं। इसी के तहत मंदिरों की इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि, धर्मार्थ कार्य विभाग ने एक हजार करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके जल्द स्वीकृत होने की उम्मीद है। यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन इस काम को पूरा करने में मददगार होगा। योजना के तहत आनलाइन सिस्टम पर प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों की विशेषता, मान्यता, इतिहास, मार्ग आदि का ब्योरा अपलोड किया जाएगा। इसके बाद महंत-पुजारियों के लिए कल्याण बोर्ड के गठन की भी तैयारी की जाएगी।
धर्मार्थ कार्य विभाग की योजनाओं को लेकर योगी सरकार की रुचि का अंदाजा इस तथ्य से भी लगाया जा सकता है कि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में 32.52 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया था, जबकि 2021-22 में यह 614.88 करोड़ रुपण् पर पहुंच गया। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए एक हजार करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाया है।
लखनऊ. ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी कमर कस ली है। बोर्ड का कहना है कि वो ज्ञानवापी मामले में अपनी पूरी मदद मुस्लिम पक्ष को देगा, साथ ही देश की सभी विवादित मस्जिदों की पैरवी भी खुद करेगा। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तय किया है कि वो ऐसी सभी विवादित मस्जिदों के मामले में हस्तक्षेप करेगा और जरूरत पड़ने पर पक्ष को हर तरह की कानूनी मदद दी जाएगी। इसके लिए बोर्ड की तरफ से एक लीगल कमेटी भी बनाई गई है, जो ऐसे तमाम मामलों पर नजर रखेगी। हालांकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बैठक भी बुलाई है, जिसमें इसी तरह के तमाम फैसलों पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कासिम इलियास ने इस बात की जानकारी दीँ जिसमें उन्होंने बताया कि, सिर्फ ज्ञानवापी ही नहीं मथुरा समेत कई मस्जिदों पर भी विवाद पैदा किया जा रहा है। पर हम चुप नहीं बैठेंगे। इससे पहले भी बोर्ड की एक वर्चुअल बैठक हुई थी। जिसमें ओवैसी ने भी हिस्सा लिया था।