ये भी पढ़ें- UP Weather: अगले दो दिन जमकर बरसेंगे बादल, प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी ऐसे हुआ खुलासा- एसपीजीआई की सुरक्षा समिति अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. एसपी अम्बेश ने बताया कि बिहार का एक मरीज 6 अगस्त को सुबह करीब 10-11 बजे के संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग में आया था। मरीज को एमआईसीयू में एडमिट होना था। इससे पहले उससे कोरोना जांच की रिपोर्ट मांगी गई। वह शख्स चंद घंटे बाद ही दोपहर करीब 2-3 बजे अपनी और मरीज की जांच रिपोर्ट ले आया जो नेगेटिव थी। इस पर अस्पताल को कुछ शक हुआ। जांच रिपोर्ट हूबहू एसजीपीजीआई की रिपोर्ट जैसी थी। डॉक्टर ने रिपोर्ट पर लिखे रजिस्ट्रेशन नंबर की जांच की, तो पाया ऐसा कोई रजिस्ट्रेशन नंबर है ही नहीं और रिपोर्ट फर्जी निकली। पता चला कि जालसाजों ने 1500 रुपये में पीजीआई जैसी फर्ज़ी कोरोना रिपोर्ट तैयार की है।
ये भी पढ़ें- तख्ती टांगे पुलिस के पास सरेंडर करने पहुंचा विकास दुबे का साथी उमाकांत, लिखा था यह पुलिस ने कहा दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई-प्रोफेसर एसपी अंबेश ने मामले में एफआईआर दर्ज करा दी है। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय का इस पर कहना है कि यह मामला गंभीर है। इस मामले में पीजीआई थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले में पीजीआई कर्मचारियों के मिलीभगत की भी जांच की जा रही है। जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।