यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के चौथे फेज में इन वीआईपी चेहरों की प्रतिष्ठा दांव पर
Uttar Pradesh Assembly Election 2022 fourth stage यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के चौथे फेज के लिए 23 फरवरी को मतदान होगा। इस चरण के चुनाव में कई वीआईपी उम्मीदवार हैं, जिन पर सभी की नजर टिकी हुई है। पहले तो सभी यह कयास लगा रहे हैं कि, इस दौर में क्या टिकट मिल पाएगा या नए प्रयोग की वजह से टिकट में कोई अडंगा लगेगा। इसलिए चुनाव 2022 में वीआईपी उम्मीदवारों पर खास नजर है।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के चौथे फेज में इन वीआईपी चेहरों की प्रतिष्ठा दांव पर
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की डेट के ऐलान के बाद पहले चरण के लिए लगभग सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। यूपी चुनाव सात चरण में होंगे। और चौथे चरण के लिए 27 जनवरी को अधिसूचना होगी। तीन फरवरी को नामांकन पत्र दाखिल होंगे तो चार को इनकी जांच होगी। सात फरवरी को नाम वापस लेने की अंतिम तारीख है और 23 फरवरी को मतदान होगा। इस चरण के चुनाव में कई वीआईपी उम्मीदवार हैं, जिन पर सभी की नजर टिकी हुई है। पहले तो सभी यह कयास लगा रहे हैं कि, इस दौर में क्या टिकट मिल पाएगा या नए प्रयोग की वजह से टिकट में कोई अडंगा लगेगा। इसलिए चुनाव 2022 में वीआईपी उम्मीदवारों पर खास नजर है। इस दौर के चुनाव में वीआईपी आशुतोष टंडन, ब्रजेश पाठक, स्वाती सिंह, अदिति सिंह, मनोज कुमार पांडेय पर जनता की निगाह रहेगी।
आशुतोष टंडन भाजपा नेता आशुतोष टंडन गोपाल जी के नाम से लोकप्रिय हैं। वर्तमान में वे यूपी सरकार में मंत्री हैं। वह लखनऊ पूर्व विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक है। वे भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन के बेटे हैं। और 2013 में उप-चुनाव में जीत कर विधायक बनें। वर्ष 2012 में हार गए। चुनाव 2017 में गोपाल जी भाजपा के टिकट पर लड़े और भारी मतों से विजयी हुए।
ब्रजेश पाठक ब्रजेश पाठक का राजनीति में इंट्री लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ से ही हो गई थी। फिर राजनीति की जो डगर पकड़ी तो लगातार तरक्की कर आज यूपी सरकार में मंत्री बन गए हैं। पहले कांग्रेस में फिर बृजेश बसपा में शामिल हुए। बसपा के टिकट पर 2004 में सांसद चुने गए। और 2008 में वह राज्यसभा सदस्य बने। वर्ष 2016 में ब्रजेश पाठक ने भाजपा का दामन थामा।
स्वाति सिंह स्वाति सिंह का सफर बड़ा मजेदार है। अचानक रसोई से भाजपा की फायर ब्रांड नेता, और फिर मंत्री बन गईं। मायावती पर पलटवार कर वह सुर्खियों में आई थीं। स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह भाजपा के नेता हैं। उन्होंने मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, बसपा कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर की पत्नी, बेटी पर पलटवार किया। इस प्रसंग ने स्वाति सिंह का राजनेत्री बना दिया। वह अपना पहला चुनाव 2017 में जीतकर मंत्री बन गईं।
अदिति सिंह अदिति सिंह के पिता कांग्रेस के दिग्गज नेता और बाहुबली अखिलेश सिंह थे। साल 2019 अगस्त में अखिलेश सिंह का निधन हो गया था। परिवार की लोकप्रियता की वजह से अदिति, चुनाव 2017 में रायबरेली सदर से कांग्रेस चुनाव जीतीं। यहीं से अदिति सिंह का राजनीतिक करियर शुरू हुआ। और अब अदिति कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गईं है। उनकी शादी पंजाब के कांग्रेस विधायक अंगद सैनी से हुई है।
मनोज कुमार पांडेय रायबरेली जिले की ऊंचाहार विधानसभा सीट से विधायक मनोज कुमार पांडेय मात्र 19 साल की उम्र में राजनीति में आ गए थे। करीब 27 साल का राजनैतिक अनुभव है। 1995 में पहला चुनाव लड़ा। और दो बार जनप्रतिनिधि होने का अवसर मिला। सपा के टिकट पर चुनाव 2012 जीते और मंत्री बनें। फिर 2017 में भी चुनाव जीत कर विधायक बने हैं।
23 फरवरी को मतदान यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के चौथे फेस में 9 जिले की 60 सीटों पर 23 फरवरी को मतदान होगा। इसमें शामिल जिले पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर, बांदा हैं।