शिवपाल सिंह यादव मुलायम सिंह के भाई शिवपाल को भला कौन नहीं जानता है। 1988 में सक्रिय राजनीति में आए। फिर यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक के अध्यक्ष बने। 1996 में सपा के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र पहली बार चुनाव जीते। लगातार पांच बार विधायक रहे। कई अहम विभागों में मंत्री रहे। सपा से लड़ाई के बाद प्रसपा पार्टी बनाई। बेटे आदित्य प्रसपा के महासचिव हैं।
अर्चना पाण्डेय प्रदेश सरकार में योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल छिबरामऊ की भाजपा विधायक अर्चना पांडेय ने दिग्गज नेता पं. रामप्रकाश त्रिपाठी बेटी है। अर्चना पांडेय ने सपा के गढ़ में इतिहास रचकर एक नया अध्याय जोड़ा है। छिबरामऊ सीट पर कभी महिला विधायक नहीं हो सकती यह मिथक तोड़ा। चुनाव 2012 में भाजपा से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं। पर 2017 रिकॉर्ड मतों से विजयी हुई।
रामवीर उपाध्याय रामवीर उपाध्याय वर्तमान में सादाबाद से बसपा के विधायक हैं, पर पार्टी से निलंबित हैं। 1991 से राजनीति में सक्रिय हुए। 1996 में हाथरस से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े, जीते कैबिनेट मंत्री बने। फिर बसपा से तीन बार चुनाव जीते। चुनाव 2012 सिकंदराराऊ सीट, 2017 में सादाबाद से चुनाव जीतकर बसपा विधायक बने। इस वक्त भाजपा में जाने का मन है पर अभी कोई ऐलान नहीं किया है।
सतीश महाना सतीश महाना फिलवक्त यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। वे कानपुर छावनी विधानसभा क्षेत्र से सात बार विधायक रहे हैं और वर्तमान में वे महाराजपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने कानपुर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में 2009 आम चुनाव में हिस्सा लिया था। वे यूपी विधानसभा में भाजपा के उप नेता रह चुके हैं। महाना संघ के दिनों में मोदी के साथ काम कर चुके हैं।
मेजर सुनील दत्त द्विवेदी मशूहर व नामचीन नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी के बेटे मेजर सुनील दत्त द्विवेदी उत्तर प्रदेश 17वी विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर पहली बार विधानसभा पहुंचे। 1997 में पिता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के बाद उनकी विरासत को संभालने के लिए राजनीतिक मैदान में आए। चुनाव 2027, 2012 का हराने के बाद 2017 के चुनाव में रिकार्ड मतों से जीत दर्ज कर पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।