लखनऊ

सुप्रीम काेर्ट ने कहा जीवन महत्वपूर्ण, सांकेतिक कांवड़ यात्रा पर पुन: विचार करे यूपी सरकार

कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार ने सुप्रीम काेर्ट में कहा है कि यूपी में सांकेतिक कांवड़ यात्रा पर रोक नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जीने का अधिकार सर्वोच्च है, इसिलए सरकार को सांकेतिक कांवड़ यात्रा पर पुन: विचार करना चाहिए।

लखनऊJul 16, 2021 / 03:36 pm

shivmani tyagi

Supreme Court

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ.
कांवड़ यात्रा ( Kanwar Yatra ) काे लेकर यूपी सरकार काे सुप्रीम काेर्ट ( Supreme Court ) से एक बार फिर झटका लगा है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि उत्तर प्रदेश में सांकेतिक कांवड़ यात्रा पर रोक नहीं है। सांकेतिक कांवड़ यात्रा में कोविड-19 नियमों का पालन होगा लेकिन सुप्रीम काेर्ट ने काेई राहत नहीं दी। अब सुप्रीम काेर्ट ने सख्ती दिखाते हुए यूपी सरकार काे इस मामले में पुन: विचार करने के लिए साेमवार तक का समय दिया है। दरअसल कोरोना वायरस के खतरे काे देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने पहले ही कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित कर दी है। इसी बीच उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांग लिया था। इसी काे लेकर यूपी सरकार ने सुप्रीम काेर्ट में अपना सांकेतिक कांवड़ यात्रा वाला हलफनामा दाखिल किया था।
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उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) में अभी तक कावड़ यात्रा को लेकर संशय बना हुआ है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( UP CM Yogi Adityanath ) ने कांवड़ यात्रा होने की बात कही थी। इसके बाद तैयारियां शुरू हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांग लिया। अब यूपी सरकार ने सांकेतिक रूप से कांवड़ यात्रा जारी रहने की बात कही है लेकिन इस पर भी सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार को राहत मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही। सर्वोच्च अदालत ( supreme court ) ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक बार फिर से इस पूरे मामले में विचार करने की सलाह दी है। अब सोमवार को इस पूरे मामले की पुन: सुनवाई होगी और उत्तर प्रदेश सरकार को एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखना होगा। यहां महत्वपूर्ण यह भी है कि सुप्रीम काेर्ट इस मामले काे लेकर सख्त है। सुप्रीम काेर्ट ने यह भी कहा है कि या तो सरकार पुन: विचार करें नहीं ताे सुप्रीम काेर्ट निर्णय देगा।
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कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अलग-अलग धर्म के लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हो सकती हैं लेकिन जीवन का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण और सबसे अहम है। धार्मिक और अन्य भावनाएं मौलिक अधिकार के ही अधीन आती हैं। सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि प्रदेश में कांवड़ यात्रा पर पूरी तरह से रोक नहीं है कांवड़ यात्रा को सांकेतिक रूप से चलाया जाएगा और इसको लेकर गाइडलाइंस भी बनाई जा रही हैं लेकिन राज्य सरकार के इस हलफनामें से सुप्रीम काेर्ट संतुष्ट नहीं। इसी के चलते अब इस मामले में अगली सुनवाई के लिए लिए सोमवार की तारीख नीयत की गई है।
केंद्र सरकार ने दिया ये प्रस्ताव
इस पूरे मामले में अब केंद्र सरकार भी सक्रिय हाे गई है। केंद्र सरकार ने अदालत से कहा है कि राज्य सरकार को प्रोटोकॉल के तहत उचित निर्णय लेना चाहिए। केंद्र सरकार की ओर से पहले ही इस मामले में एडवाइजरी जारी की जा चुकी है। अब केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में यही कहा गया है कि कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड जाने की इजाजत नहीं है। मामला धर्म से जुड़ा है ताे काेई ऐसा रास्ता निकाला जाए ताकि खतरा भी ना बढ़े और आस्था काे भी ठेस ना पहुंचे। इसके लिए गंगाजल को ऐसी जगह उपलब्ध करवाए जाने की सलाह दी गई है जहां से भक्त आसानी से शिव मंदिर में पूजा कर सके। यह अलग बात है कि अभी यह सिर्फ एक सलाह ही है अब निर्णय के लिए अगली सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है।
उत्तराखंड सरकार हुई सख्त
उत्तराखंड सरकार अब इस मामले में और अधिक सख्त होती दिख रही है। उत्तराखंड सरकार ने अपनी सीमाएं सील कर दी हैं। पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी कांवड़ियां उत्तराखंड में प्रवेश ना करे। अगर कोई ऐसा करता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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