लखनऊ

यूपी में चीनी की मिठास से लोग हो रहे दूर पर गुड़ के हुए दीवाने, जानें वजह

यूपी में चीनी की मिठास लेने वाले शौकीनों की कमी नहीं है। हर खुशी की बात में मिठाई न होने पर चीनी खाने वाली यूपी की जनता का रुझान चीनी खाने में कम होता जा रहा है। यूपी में चीनी की खपत लगातार कम हो गई है।
 

लखनऊAug 11, 2022 / 03:39 pm

Sanjay Kumar Srivastava

यूपी में चीनी की मिठास से लोग हो रहे दूर पर गुड़ के हुए दीवाने, जानें वजह

यूपी में चीनी की मिठास लेने वाले शौकीनों की कमी नहीं है। हर खुशी की बात में मिठाई न होने पर चीनी खाने वाली यूपी की जनता का रुझान चीनी खाने में कम होता जा रहा है। यूपी में चीनी की खपत लगातार कम हो गई है। पहले प्रति परिवार करीब 7 किलो खपत थी अब यह घटकर चार से पांच किलो प्रतिमाह पर आ गई। शुगर एसोसिएशन के आंकडे़ बताते हैं कि, पिछले चार वर्षों में सूबे में चीनी की खपत 60 लाख टन से घटकर 55 लाख प्रति टन प्रति वर्ष हो गई है। शुगर एसोसिएशन उपभोक्ताओं के चीनी के प्रति घटते प्रेम से चिंतित है। बताया जा रहा है कि कोरोना काल ने चीनी का स्वाद लेने से जनता को दूर कर दिया है। तो वहीं गुड़ के प्रति जनता की दीवानगी बढ़ती जा रही है।
चीनी उद्योग चिंतित

यूपी की 120 चीनी मिलें हैं। हर साल करीब 100 लाख टन चीनी का उत्पादन करती हैं। उप्र शुगर मिल्स एसोसिएशन के आंकड़ों अनुसार,, सूबे में चीनी की कुल बिक्री में 35 फीसद घरेलू खपत होती है। बाकी 65 फीसदी संस्थागत बिक्री है। उस में से बीते चार वर्षों में सूबे में खपत 60 लाख टन से घटकर 55 लाख तक टन प्रति वर्ष हो गई है। इन आंकड़ों से चीनी उद्योग भी चिंतित है।
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सूबे में अब 4 किलो है प्रति परिवार खपत

अपर आयुक्त चीनी उद्योग संजय आर भूसरेड्डी बताते हैं कि, यूपी में चीनी की खपत कम हो गई है। यहां प्रति परिवार पहले लगभग 7 किलो चीनी का उपयोग करता था पर अब यह घटकर चार से पांच किलो प्रतिमाह पर आ गई।
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गुड़ खपत बढ़ी – अरुण खंडेलवाल

फेडरेशन ऑफ गुड़ ट्रेडर्स अध्यक्ष अरुण खंडेलवाल बताते हैं कि, गुड़ का प्रयोग बढ़ रहा है। गुड़ तो सही मायने में औषधि है। इसलिए इस्तेमाल और बढ़ना चाहिए। पहले कोल्हू ज्यादा थे पर अब कम हो गए हैं। बावजूद इसके यूपी में गुड़ उत्पादन जमकर हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार, सूबे में 45 से 50 लाख टन गुड़ का उत्पादन हो रहा है। और आश्चर्य की बात यह है कि अधिकतर गुड की खपत प्रदेश में ही हो जाती है।
चीनी की खपत कम हुई है – संजय आर भूसरेड्डी

चीनी एवं गन्ना अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि, पहले मिठाई आते ही साफ हो जाती थी। पर अब ऐसी स्थिति नहीं है। कोरोना के बाद तो लोग स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सचेत हो गए हैं। प्रति परिवार चीनी की खपत कम हो गई है। सरकार ने चीनी निर्यात का कोटा बढ़ाया है। और यह अच्छा है। हमारा यह उद्योग इससे बेहतर होगा
मौसम खराब होने से चीनी उत्पादन पर आया फर्क – गन्ना एवं चीनी मंत्री

गन्ना एवं चीनी मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने कहाकि, लोग अब चीनी कम खा रहे हैं। चाय भी फीकी पीने लगे हैं। हालांकि हमारे यहां इस साल चीनी उत्पादन इसलिए कम हुआ क्योंकि बीच में मौसम खराब होने से गन्ने की फसल प्रभावित हुई। हालांकि हम चीनी निर्यात पर ज्यादा जोर दे रहे हैं
प्रदेश में चीनी उत्पादन में उतार चढ़ाव

वर्ष उत्पादन – लाख टन
2018.2019 – 107.20
2019.2020 – 126.38
2020.2021 – 110.59
2021.2022 – 101.98

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