यूपीएसएसएफ की होगी स्पेशल ट्रेनिंग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी व डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को इस बल के गठन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वर्तमान समय की मांग के अनुसार मेट्रो रेल, एयरपोर्ट, औद्योगिक संस्थानों, बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों आदि के साथ-साथ जिला न्यायालयों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षित बल की जरूरत होती है। इस कारण यूपीएसएसएफ की स्पेशल ट्रेनिंग कराए जाने पर विचार किया गया है। इसके लिए एक स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यूपीएसएसएफ का विशेष प्रशिक्षण कराया जाए और उन्हें अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली व सुरक्षा उपकरणों की जानकारी दी जाए। ट्रेनिंग के बाद यूपीएसएसएफ के जवानों को उत्तर प्रदेश में मेट्रो रेल, एयरपोर्ट, औद्योगिक संस्थानों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, ऐतिहासिक, धार्मिक व तीर्थ स्थलों एवं अन्य संस्थानों व जिला न्यायालयों आदि की सुरक्षा के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
रुप-रेखा तैयार यूपीएसएसएफ का मुख्यालय लखनऊ में प्रस्तावित है। प्रथम चरण में इस बल की पांच बटालियन का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जल्द इसकी रूपरेखा तैयार कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
मायावती ने भी गठित किया था दल 2010 में तब उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं मायावती (Mayawati) ने भी लखनऊ और नोएडा में अपने स्मारकों और मूर्तियों के लिए सुरक्षा दल गठित किया था। बसपा शासन में पत्थरों के बने हाथी और प्रतिमाओं की देखभाल के लिए अलग सुरक्षा वाहिनी का गठन किया गया था, जिसे म राज्य विशेष परिक्षेत्र सुरक्षा बल नाम से जाना जाता है।
इस दल में शामिल हर एक सदस्य के पास इस बात का अधिकार था कि स्मारक को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति को वे बिना वारंट के मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार गिरफ्तार कर सकते थे। इसके लिए एक नई बटालियन बनाई गई थी और भर्ती के लिए एक नई फोर्स तैयार की गई थी। फोर्स के गठन में तकरीबन 53 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। जिन स्मारकों के लिए बसपा शासनकाल में सुरक्षा दल गठित किया दया था वह अंबेडकर स्थल, कांशीराम स्मारक, रमाबाई अंबेडकर मैदान, स्मृति उपवन और बुद्ध विहार शामिल थे।