जिला मलेरिया अधिकारी डीएन शुक्ला ने बताया कि लखनऊ में पिछले पांच सालों में कुल 401 मलेरिया से ग्रसित मरीज पाए गए। इस अवधि में किसी भी मरीज की मलेरिया से मौत नहीं हुई। साल 2030 तक मलेरिया को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। मलेरिया के मरीजों की खोज के लिए लखनऊ के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण करके खून के सैम्पल लेकर खून की जांच की जाती है। साथ ही मलेरिया से ग्रसित मरीजों को निःशुल्क जांच और उपचार भी दिया जाता है। यह व्यवस्था सभी सरकारी अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध है। शुक्ला बताते हैं कि ग्रमीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर खून के सैम्पल एकत्रित कर रहे हैं। साल 2018 में जनवरी से अभी तक 26 हजार 708 मरीजों के खून के सैम्पल एकत्रित किए गए है जिसमें से 9 मरीजों में मलेरिया के लक्ष्ण पाएं गए और उनका उपचार किया जा रहा है। साथ ही समाज को जागरूक करते हुए उन्हें घर एवं आसपास की जगहों पर पानी जमा न होने देने को कहा जा रहा है। जिन जगहों पर पानी जमा रहता हो उन जगहो पर पानी न रूकने की व्यव्स्था की जाए। बुखार आने पर खून की जांच जरूर कराएं और निकटतम चिकित्सक से परामर्श लेकर दवा का सेवन करे। मलेरिया दिवस पर लखनऊ में जनता को जागरूक करने का कार्य और लार्वा की रैण्डम चैकिंग के लिए हुसैड़िया चौराहे से चैकिंग कार्यक्रम की शुरूआत विश्व मलेरिया दिवस पर की जाएगी। इसके अलावा लार्वारोधी रसायन का छिड़काव भी किया जाएगा व नगर निगम द्वारा शहर की सफाई व फागिंग भी की जाएगी। साथ ही यह भी बताया कि जून में विशेष सघन वैक्टर जनित मलेरिया रोग नियन्त्रण कार्यक्रम चलाया जाएगा।
मलेरिया के पिछले पांच सालो आंकड़े– वर्ष जांच किएं गए मरीजों की संख्या मलेरिया से ग्रसित मरीजों की संख्या
2013 79328 125
2014 91342 57
2015 104085 102
2016 148523 28
2017 133243 89
2013 79328 125
2014 91342 57
2015 104085 102
2016 148523 28
2017 133243 89