इनको होगा नुकसान योगी सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश के कर्मचारियों, शिक्षकों और पुलिस विभाग को मिलने वाले सचिवालय भत्ता, नगर प्रतिकर भत्ता और अवर अभियंताओं का विशेष भत्ता कम हो जाएगा। साथ ही पुलिस विभाग की अपराध शाखा, सीबीसीआईडी, भ्रष्टाचार निवारण संगठन, आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग, अभिसूचना विभाग, विजिलेंस, सुरक्षा शाखा के अधिकारीयों और कर्मचारियों की सैलरी भी कम होगी। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाला रिसर्च भत्ता, अर्दली भत्ता और डिजाइन भत्ता भी कट जाएगा। सिंचाई विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाला इन्वेस्टीगेशन एंड प्लानिंग और अर्दली भत्तो को भी सरकार ने खत्म कर दिया है। पहले इन भत्तों का भुगतान 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक स्थगित करने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन अब सरकार ने इन भत्तों को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला लिया है।
सैलरी इतनी होगी कम हालांकि सरकार इन भत्तों को समाप्त कर बड़ी राशि की बचत तो करेगी, लेकिन इसस प्रदेश के 16 लाख कर्मचारी और शिक्षकों को मिलने वाली सैलरी कम हो जाएगी। इसमें नगर प्रतिकर भत्ता (सीसीए) 250 से लेकर 900 रुपए तय था जो अब नहीं मिलेगा। वहीं, सचिवालय भत्ते की अधिकतम सीमा 2500 रुपए थी, जो अब नहीं मिलेगी। जिसके चलते सैलरी के एक बड़े हिस्से का कर्मचारियों और शिक्षकों को सालाना नुकसान उठाना पड़ेगा।
संगठन कर रहे विरोध सरकार द्वारा भत्ते खत्म होने की जानकारी होने पर प्रदेश के कर्मचारी संगठन हरकत में आ गए और उन्होंने इसपर अपना कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने सरकार के इस फैसले को एकदम गलत करार देते हुए इस कदम को वापस लेने की मांग की है। उधर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के उपाध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के साथ ऐसा अन्याय करेगी, ऐसा किसी ने सोचा नहीं था। कर्मचारी इसको लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं विपक्षी दल जैसे समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया है।