scriptसिद्धू के कैप्टेन वाले बयान के बाद गरमाई पंजाब की राजनीति, शहरों में लगाए गए ‘पंजाब दा कैप्टेन साडा कैप्टैन’ लिखे होर्डिंग | punjab congress use hoarding in support of Captain Amarinder Singh | Patrika News
लुधियाना

सिद्धू के कैप्टेन वाले बयान के बाद गरमाई पंजाब की राजनीति, शहरों में लगाए गए ‘पंजाब दा कैप्टेन साडा कैप्टैन’ लिखे होर्डिंग

कांग्रेस नेताओं और कार्यक्रर्ताओं ने सिद्धू को जमीन दिखाने के लिए ये होर्डिग और सूचना पट्ट खुद-ब-खुद लगाए है…

लुधियानाDec 03, 2018 / 04:15 pm

Prateek

punjab congress

punjab congress

(जालंधर): अपने मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह को मात्र सेना का कैप्टैन बताकर नवजोत सिद्धू भले ही कांग्रेस आलाकमान और स्वयं अमरिंदर सिंह से अभयदान ले सकते हैं लेकिन कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच फैली नाराजगी दूर करना सिद्धू के लिए मुश्किल होगा। नाराजगी का पैमाना वे हार्डिंग और सूचना पट्ट है जो कि अमृतसर,पटियाला,लुधियाना और जालंधर जैसे बडे शहरों में लगे दिखाई देते है। इन पर लिखा है पंजाब दा कैप्टेन साडा कैप्टेन। मतलब यह है कि पंजाब का कैप्टेन ही हमारा कैप्टेन है। कांग्रेस नेताओं और कार्यक्रर्ताओं ने सिद्धू को जमीन दिखाने के लिए ये होर्डिग और सूचना पट्ट खुद-ब-खुद लगाए है।

 

सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई की मांग

सिद्धू ने हैदराबाद में पिछले शुक्रवार को टिप्पणी की थी और मात्र शनिवार और रविवार दो दिन में बडी संख्या में सूचना पट्ट और होर्ड्रिंग लगाकर सिद्धू को करारा जवाब दिया गया है। सभी मुख्य मार्गों,बाजार और सार्वजनिक स्थानों पर ये होर्डिंग व सूचना पट्ट लगे दिखाई देते है। प्रमुख शहरों के अलावा भी यह होर्डिंग अभियान आगे बढता दिखाई देता है। सोशल मीडिया पर भी कैप्टेन अमरिंदर सिंह का समर्थन करने वाले संदेशों की बाढ आई हुई है। न केवल कैप्टेन अमरिंदर सिंह को पंजाब का कैप्टेन माना जा रहा है बल्कि सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की जा रही है।

 

शुरू से ही विवादस्पद रही सिद्धू की राजनीतिक पारी

सिद्धू कैप्टेन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली केबिनेट में शहरी निकाय और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री है। क्रिकेट का मैदान छोडकर राजनीति में आए सिद्धू की सारी राजनीतिक पारी विवादों से भरी रही है। वर्ष 2004 में भाजपा के टिकट पर सांसद चुने जाने के बाद बीच में सजा होने पर सिद्धू को इस्तीफा देना पडा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट से सजा पर रोक के बाद उन्होंने उपचुनाव जीत लिया था। इसके बाद वर्ष 2009 में फिर अमृतसर से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने जाने के बाद भाजपा के गठबंधन सहयोगी अकाली दल के साथ सम्बन्ध तनाव पूर्ण बने रहे। वर्ष 2014 में पार्टी ने सिद्धू को अमृतसर से टिकट न देकर अरूण जेटली को चुनाव लडाया। जेटली के अमृतसर सीट पर चुनाव लडने के दौरान भी सिद्धू पर विवाद रहा क्योकि वे जेटली के चुनाव प्रचार में नहीं गए।

पाक जाने के बाद शुरू हुई नई कलह

बहरहाल ताजा विवाद सिद्धू को अपने क्रिकेट जीवन के मित्र इमरान खान के आमंत्रणों के मिलने से शुरू हुआ है। इमरान खान ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए आयोजित समारोह में सिद्धू को आमंत्रित किया था। इस समारोह के दौरान वे पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के गले मिले थे। इस पर भारत में सिद्धू की कडी आलोचना की गई। आलोचकों की दलील थी कि पाकिस्तानी सेना भारतीय जवानों की आये दिन शहादत ले रही है और सिद्धू पाकिस्तान सेना प्रमुख के गले मिल रहे है। उस समय मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू की निजी पाकिस्तान यात्रा को उचित ठहराया था लेकिन उनके पाकिस्तान सेना प्रमुख के गले लगने को गलत करार दिया था। अब पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में निजी आमंत्रण पर लौटने के बाद वे अपने मुख्यमंत्री कैप्टैन अमरिंदर सिंह को सिर्फ सेना का कैप्टेन बताकर विवाद में आ गए है। मुख्यमंत्री ने इस बार सिद्धू को कॉरिडोर शिलान्यास समारोह में न जाने की सलाह दी थी लेकिन वे नहीं माने और चले गए।

Home / Ludhiana / सिद्धू के कैप्टेन वाले बयान के बाद गरमाई पंजाब की राजनीति, शहरों में लगाए गए ‘पंजाब दा कैप्टेन साडा कैप्टैन’ लिखे होर्डिंग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो