शनिवार रात शहर में 56वां ग्रीन कॉरिडोर बनाकर फेफड़े व दिल चार्टर्ड प्लेन से अहमदाबाद पहुंचाए गए। दिल भेजने से पहले सुनील की मां मंजू राजपूत ने बेटे का दिल रखे बॉक्स पर हाथ रख दुलार किया तो मौजूद सभी लोग भावुक हो गए। एक किडनी जुपिटर अस्पताल से चोइथराम अस्पताल पहुंचाई गई। यहां भर्ती महिला को लिवर व एक किडनी प्रत्यारोपित की गई। शहर में पहली बार लिवर व किडनी एक ही मरीज को प्रत्यारोपित की।
हरदा जिले के ग्राम छिदगांव तमोली (रहटगांव) निवासी सुनील ग्राम सोडलपुर से मनियाखेड़ी जा रहे थे। इस दौरान दुर्घटना में वे घायल हो गए। उन्हें हरदा के अस्पताल में भर्ती किया गया, वहां से इंदौर के जुपिटर अस्पताल भेजा गया। हालत लगातार बिगड़ती जा रही और ब्रेन डेड की िस्थति बनी तो मुस्कान ग्रुप के सेवादार संदीपन आर्य व जीतू बगानी ने सुनील के पिता मुकेश व परिजन से अंगदान को लेकर चर्चा की। परिजन ने स्वीकृति दी। इसके बाद चार सदस्यीय चिकित्सक दल द्वारा ब्रेन डेड सर्टिफिकेशन किया गया।
17 मिनट में दिल लेकर एयरपोर्ट पहुंची एंबुलेंस
पहला ग्रीन कॉरिडोर शनिवार रात 8.51 बजे जुपिटर विशेष हॉस्पिटल से बनाया गया। एंबुलेंस 17 मिनट में 9.08 बजे एयरपोर्ट पहुंची।दिल और फेफड़े चार्टर्ड प्लेन से अहमदाबाद भेजे गए। वहां मेरंगो सिम्स हॉस्पिटल के पंजीकृत रोगी को इन्हें प्रत्यारोपित किया जाएगा। दूसरा ग्रीन कॉरिडोर किडनी के लिए विशेष जुपिटर हॉस्पिटल से चोइथराम हॉस्पिटल के लिए रात 8.58 बजे बना। 9.05 बजे किडनी अस्पताल पहुंची। लिवर और एक किडनी विशेष जुपिटर अस्पताल में पंजीकृत 27 वर्षीय महिला को प्रत्यारोपित की गई। मेडिकल ऑफिसर डॉ. अमित अत्रे और ट्रैफिक पुलिस के किरण कुमार शर्मा ने परिवार को पोस्टमार्टम और पंचनामा रिपोर्ट प्रदान की। अंतर राज्यीय ग्रीन कॉरिडोर होने से डीसीपी अरविंद कुमार तिवारी, इंदौर ट्रैफिक पुलिस, इंदौर एयरपोर्ट अथॉरिटी, एयर ट्रैफिक कंट्रोल की टीमों के बीच समन्वय रहा।