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बिजेनस प्लान समझाने का मतलब केवल यही है कि ज्यादा बातों को ना घुमाकर कम शब्दों में अपने आइडिया की खूबियां बताते हुए उसे इस तरह से प्रस्तुत करें कि इंन्वेस्टर्स को उसमें खुद का फायदा ज्यादा नजर आए। एक बार प्लान समझ में आने के बाद आधी समस्याएं खुद ब खुद ही दूर होती चली जाएंगी।
स्टार्टअप आइडिया का आकार देने के लिए एंटरप्रेन्योर को एक ‘बिजनेस प्लान’ की जरूरत होती है। कोई भी इंवेस्टर मिलने के लिए तब तक तैयार नहीं होगा जब तक कि आपके पास कोई प्लानिंग न हो। आपका स्टार्टअप रनिंग में हो या फिर आप प्लानिंग की स्टेज में हो एक ड्राफ्ट बिजनेस प्लान आपके लिए बहुत जरुरी है। उसी ड्राफ्ट के पॉजिटिव पर एक इंवेस्टर अपना पैसा आपके बिजनेस में लगाने के लिए तैयार होगा। आप अपनी प्लानिंग को सही तरीके से ड्राफ्ट करें और वह ड्राफ्ट इंवेस्टर को समझ आ जाए, यह बेहद महत्वपूर्ण है। एक इंवेस्टर के सभी फंडामेंटल प्रश्नों के जवाब आपके बिजनेस प्लान में सम्मिलित होने चाहिए।
शॉर्ट और सिंपल हो प्लान
एक इंवेस्टर प्रतिमाह सैंकड़ों की संख्या बिजनेस प्लान देखता है। ऐसे में आपका बिजनेस प्लान सटीक और सरल शब्दों में ड्राफ्टेड हो। ड्राफ्टेड प्लान में अपनी बात कहने के लिए पॉइंट का अधिक इस्तेमाल करें। किसी भी पॉइंट का विस्तार दो से अधिक लाइनों में नहीं होना चाहिए। आपके सभी वैल्यूएबल पॉइंट््स शुरू के 5-7 पेजों के अन्दर ही होने चाहिए जिससे कि इंवेस्टर के दिमाग में आपकी स्टार्टअप और उसकी फ्यूचर प्लानिंग का रफ ड्राफ्ट तैयार हो जाए।
बेसिक बातों का रखें ध्यान
बिजेनस प्लान को ड्राफ्ट करते समय फॉन्ट, साइज, कलर कॉम्बिनेशन आदि का ध्यान जरूर रखें। किसी भी इंवेस्टर के पास अपना प्लान भेजते समय उसे प्रिंट कॉपी भी अवश्य भेजें। महत्वपूर्ण बातों के लिए इमेज और उदाहरण का उपयोग करने से आपका प्लान इंवेस्टर को अट्रेक्ट करेगा। जिस सेक्टर के स्टार्टअप के लिए ड्राफ्ट बनाया है, उसका डेटा जरूर आपके प्लान का हिस्सा हो। सबंधित सेक्टर की कंपनियां, ग्रोथ, करंट स्थिति का उल्लेख बिजनेस प्लान में करें।
स्टडी करें फिर तैयार करें
एक प्रोफेशनल कंसल्टेंट की मदद से अपने बिजनेस प्लान को तैयार करें। आप चाहें तो अपना बिजनेस प्लान बनाने से पहले ऐसे बिजनेस प्लान की स्टडी करें जो कि स्टार्टअप से रिलेटेड होते हैं। ऐसे प्लान आपको ऑनलाइन या फिर कंसल्टेंट के पास जरुर मिल जाएंगे। अपने बिजनेस प्लान एक महत्वपूर्ण बात का ध्यान रखें कि स्ट्रेटजी, एम्प्लॉइज, फ्यूचर प्लानिंग, सर्विस आदि का जिक्र सेक्शन वाइज आपने किया है। ड्राफ्ट एक साथ पूरा ना लिखें। कोशिश करें कि हर सेक्शन में आप बतौर उदाहरण किसी कंपनी को सम्मिलित कर पाएं, जिससे कि इंवेस्टर आपकी बात को अच्छे से समझ सके और आपका मकसद भी हल हो सके।
Published on:
09 Feb 2019 12:26 pm
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