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एंटरप्रेन्योरशिप की सफलता को परिभाषित किया जाए तो इसका अर्थ एक सही आइडिया है, जिसकी शुरुआत कहीं से, किसी भी सेक्टर से की जा सकती है। आपको स्टार्टअप का आइडिया किसी सोशल मीडिया पोस्ट से, टीवी, न्यूज पेपर, सोशल वर्क या कोई और काम करते हुए आ सकता है। आइडिया को क्रियान्वित करना सबसे बड़ी चुनौती होती है। इससे भी बड़ा टास्क है आइडिया को एक सक्सेसफुल स्टार्टअप में बदलना जो कि ग्लोबली केवल 20 प्रतिशत एंटरप्रेन्योर ही कर पाते हैं। क्या कारण है कि एक अच्छे आइडिया के बाद भी 80 प्रतिशत एंटरप्रेन्योर स्टार्टअप के शुरुआती एक वर्ष में ही हार मान लेते हैं। ऐसे में यह जानने की खासी जरूरत है कि सफल होने वाले एंटरप्रेन्योर ऐसा क्या करते हैं कि उनका ड्रीम पूरा हो जाता है और वे सफलता की सवारी करते हैं।
सही लोकेशन का सलेक्शन देगा जल्द फायदा
फूड ट्रक बिजनेस के लिए सबसे अधिक जरूरी है लोकेशन। कॉलेज, यूनिवर्सिटी या फिर ऐसी जगह का सलेक्शन करना चाहिए जो कि यूथ पॉपुलेटेड एरिया हो क्योंकि यूथ के बीच फूड ट्रक काफी फेमस होते हैं। इनमें बनने वाले क्विक फूड युवाओं को खासा आकर्षित करते हैं। इसके अलावा फूड ट्रक पार्किंग से पहले प्रोपर परमिशन, टाइम सहित अन्य बातों का भी ध्यान रखें। कोशिश करें कि जहां आप फूड ट्रक पार्क करें वो खुला एरिया हो। बार-बार फूड ट्रक की लोकेशन में बदलाव ना करें।
सही कमर्शियल व्हीकल हो
फूड ट्रक या मोबाइल रेस्टारेंट बिजनेस में जो बात सबसे प्रमुख है वह है व्हीकल का सलेक्शन। एक कमर्शियल व्हीकल के साथ ही बिजनेस स्टार्ट करने की जरुरत है, जो कि कम से कम 18 फीट लंबा हो करीब 7-8 लाख रुपए में यह आसानी से मिल सकता है। बिजनेस के शुरुआती दिनों में यदि आप सैकंड हैंड व्हीकल का इस्तेमाल करेंगे तो यह फायदेमंद होगा। फूड ट्रक बिजनेस में व्हीकल को अधिक ड्राइव करने की आवश्यकता नहीं होती है। व्हीकल खरीदते समय उसका फिटनेस सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस सहित अन्य कानूनी विषयों को इग्नोर ना करें। प्रयास करें कि व्हीकल पांच वर्ष से अधिक पुराना ना हो। पार्ट्स की उपलब्धता भी आसानी से हो सके।
मॉडिफिकेशन से करें शुरुआत
नॉर्मल कमर्शियल व्हीहल को फूड ट्रक में कन्वर्ट करने के लिए मॉडिफिकेशन की जरूरत होती है। इंडियन मार्केट में फूड ट्रक डिजाइनर्स की उपलब्धता बीते कुछ समय में बढ़ी है। इसलिए यदि आप मेट्रो सिटीज के अलावा अन्य छोटे शहरों में भी हैं तो आपको मॉडिफिकेशन में अधिक परेशानी नहीं होगी। औसतन फूड ट्रक मॉडिफिकेशन का बजट भारत में एक लाख के करीब होता है लेकिन ट्रक पर ग्रेफिटी व अन्य आर्टिस्टिक वर्क के लिए आपको अलग से बजट रखने की आवश्यकता है।
कम से कम इक्यूपमेंट रखें
फूड ट्रक की सफलता के लिए जरूरी है कि आप सही ढंग से प्लानिंग कर इंवेस्टमेंट करें। व्हीकल और मॉडिफिकेशन के बाद किचन इक्यूपमेंट का खर्चा अधिक है। एक स्टैंंडर्ड फूड ट्रक में जिन इक्यूपमेंट की आवश्यकता होती है उनमें माइक्रोवेव, ज्यूसर मिक्सर, फ्रिजर, ग्रिलर, स्टीमर, वर्किंग टेबल, बर्नर व इनर्वटर प्रमुख हैं। हालांकि आप किस तरह का फूड सर्व कर रहे हैं यह उस पर भी निर्भर करेगा। आपकी कोशिश यह होनी चाहिए कि इक्यूपमेंट की लोकेशन सही हो और सभी इक्यूपमेंट अच्छी कंपनी के हों। साथ ही फूड ट्रक बिजनेस में अधिक स्टाफ की जरूरत नहीं होती। यदि आप स्वयं शैफ हैं तो आपको एक-दो हैल्पर्स की ही आवश्यकता होगी।
लाइसेंस व परमिट सबसे जरुरी
फूड ट्रक बिजनेस के लिए जिन परमिट व लाइसेंस की आवश्यकता है उनमें फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट, शॉप व एस्टेबलिशमेंट सर्टिफिकेट, म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एनओसी, मोबाइल वेंडर लाइसेंस, किचन इंश्योरेंस सहित अन्य लाइसेंस शामिल हैं। इस बिजनेस की शुरुआत में बेसिक मार्केटिंग के फंडे अपनाएं, जिसमें ब्रोशर, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, सोनिक बूम प्रमुख हैं। फूड फेयर, लोकल कम्यूनिटी इवेंट, कॉलेज इवेंट में भी यदि हिस्सा ले सकें तो काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
Published on:
21 May 2019 05:54 pm
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