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अफसरों की कोचिंग में पढऩे के लिए बड़े शहरों से घर लौट रहे स्टूडेंट्स

Coaching Classes : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सरकारी महकमा, समाज का सहयोगी बनकर विशेष भूमिका निभाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहा है।

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Coaching Classes reopen in cg

छत्तीसगढ़ में 50 फीसदी क्षमता के साथ अब कोचिंग क्लास भी हुए अनलॉक, नियम तोड़ने पर सील होगी कोचिंग

coachingClasses : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सरकारी महकमा, समाज का सहयोगी बनकर विशेष भूमिका निभाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहा है। राजधानी भोपाल में जहां अफसर सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं, तो वहीं टीकमगढ़ में अफसरों ने प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exams) की तैयारी कराने के लिए स्टूडेंट्स के लिए कोचिंग (Coaching) शुरू की है। इस प्रयास की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, बड़े शहरों में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने गए परीक्षार्थी टीकमगढ़ लौट रहे हैं।

टीकमगढ़, बुंदेलखंड का अभावग्रस्त जिला है, जहां सुविधाओं के नाम पर रेल लाइन को छोडक़र वर्तमान में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसके कारण इस जिले को विशिष्ट पहचान मिले। यहां शिक्षा क्षेत्र में भी विशेष सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। यही कारण है कि, यहां के अधिकांश छात्र हायर सेकेंडरी, स्नातक करने के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे शहरों का रुख करते हैं।

यहां के जिलाधिकारी सौरभ कुमार सुमन ने मप्र लोक सेवा आयोग (MP Public Service Commission) और संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) की परीक्षा की तैयारी कराने की पहल शुरू की है। उन्होंने स्टूडेंट वेलफेयर एकेडमी एंड सोसायटी (आरोहण) बनाई है। सोसायटी के माध्यम से स्थानीय कृषि कॉलेज भवन में जिलाधिकारी स्वयं प्रतिदिन सुबह छात्रों को पढ़ाते हैं। उनके साथ ई-गवर्नेंस के सहायक प्रबंधक अनुपम दीक्षित और पीएससी की टॉपर अनुविभागीय अधिकारी वंदना राजपूत भी कोचिंग देती हैं।

जिला प्रशासन ने अपनी पहल की जानकारी छात्रों और उनके परिजनों तक पहुंचाने के लिए सोशल साइट फेसबुक का सहारा लिया। बाहर पढऩे गए छात्रों को अफसरों की कोचिंग की जानकारी मिली, तो उन्हें लगा कि, जब उनके घर में ही प्रतियोगिता परीक्षा की कोचिंग इसके सफल प्रतिभागी दे रहे हैं तो उन्होंने टीकमगढ़ लौटने का मन बना लिया। अभियांत्रिकी में स्नातक करने के बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली गए शुभम पाठक को जब इसकी जानकारी मिली तो वे वापस लौट आए। उन्होंने बताया कि, उन्हें जब टीकमगढ़ में कोचिंग की जानकारी मिली, तो तुरंत घर लौटे। यहां कलेक्टर, एसडीएम और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का कोचिंग देने का तरीका बहुत अच्छा है।

इसी तरह इंदौर में साल 2016 से पीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही बी.टेक निकिता जैन जिले में ही उत्कृष्ट कोचिंग की जानकारी मिलते ही घर लौट आयी हैं और यहां कोचिंग ले रही हैं। निकिता का मानना है कि कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम के अनुभव का इस कोचिंग के माध्यम से उन्हें लाभ अवश्य मिलेगा। वहीं, एक इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर और टीकमगढ़ निवासी प्रणीत खरे पीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चले गये थे, लेकिन वहां फीस ज्यादा होने की वजह से वह एक साल में ही वापस लौट आए। अब वे भी टीकमगढ़ जिला प्रशासन की कोचिंग की जानकारी मिलने पर छुट्टी लेकर वहां पहुंचे हैं।