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आपका छोटा बिजनेस है या फिर बड़ा या फिर किसी स्टार्ट अप की शुरुआत आपने की है, आपको नए लोगों की, नई-नई स्किल्स की जरूरत हमेशा होती है। ऐसे में नए व्यक्ति को हायर करते समय आप उससे अलग-अलग तरह के सवाल पूछते हैं। उसके अनुभव और पर्सेनेलिटी को जानने की कोशिश करते हैं। इस दौरान आप अपनी कंपनी के पुराने एम्प्लॉइज की मदद ले सकते हैं। वह नए कैंडिडेट को बेहतर तरीके से परख सकते हैं। जानें कैसे-
कल्चर के मुताबिक है या नहीं
हर करंट एम्प्लॉई कंपनी के कल्चर के बारे में पूरी तरह से वाकिफ होता है। उसे उस कल्चर की अच्छाइयां और बुराइयां, दोनों पता होती हैं। इंटरव्यू लेते समय वह टेबल के दोनों साइड्स के बेनिफिट्स जानता है। उसे हायरिंग में शामिल करने से वह यह फैसला लेने में सक्षम होता है कि इंटरव्यू देने आया शख्स कंपनी के कल्चर और पोजिशन में फिट होगा या नहीं। वह दूसरे टीम मेट्स के साथ सामंजस्य बैठा पाएगा या नहीं। इसके बाद वह कैंडिडेट को चुनने या न चुनने का फैसला एम्प्लॉयर पर छोड़ देता है।
टीम में फिट होगा या नहीं
पुराने एम्प्लॉई को जब हायरिंग प्रोसेस में शामिल किया जाता है तो वह नए कैंडिडेट में देखता है कि वह पुरानी टीम के साथ फिट होगा या नहीं। अगर नया कैंडिडेट पुरानी टीम से अलग है और बदलाव के तैयार भी नहीं है तो उसका आना पुराने एम्प्लॉइज में विवाद की वजह बन सकता है जो कंपनी की सफलता के लिए सही नहीं है।
नए कैंडिडेट में स्पार्क है या नहीं
कोई भी कैंडिडेट हायरिंग मैनेजर से बात ही नहीं करता, बल्कि उस समय वह अपना वह होमवर्क प्रजेंट कर रहा होता है, जो वह कंपनी के बारे में करके आया है। जब आप हायरिंग प्रक्रिया में अपने पुराने एम्प्लॉइज को शामिल करते हैं तब वह नए कैंडिडेट्स का स्पार्क भी आंकते हैं।
Published on:
20 Jan 2019 06:32 pm
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