10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दोस्तों से उधार ले खड़ा किया करोड़ों का कारोबार, ऐसे हुए सफल, जाने पूरी कहानी

लोग जिस वेस्ट को कचरा समझ फेंक देते हैं, उसी वेस्ट से लोहिया दम्पती ने हैंडीक्राफ्ट आइटम का ऐसा एंपायर खड़ा किया, जिसका सालाना टर्नओवर 45 करोड़ रुपए का है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Sunil Sharma

Jan 07, 2019

success mantra,Management Mantra,motivational story,career tips in hindi,inspirational story in hindi,motivational story in hindi,business tips in hindi,soupergirl biography in hindi,ritesh lohiya success story,

success mantra,Management Mantra,motivational story,career tips in hindi,inspirational story in hindi,motivational story in hindi,business tips in hindi,ritesh lohiya success story,

पूंजी कम हो, लेकिन विजन बड़ा हो तो शून्य से शिखर पर कैसे पहुंचा जा सकता है, ये कर दिखाया जोधपुर के लोहिया दंपती ने। लोग जिस वेस्ट को कचरा समझ फेंक देते हैं, उसी वेस्ट से लोहिया दम्पती ने हैंडीक्राफ्ट आइटम का प्रीति इंटरनेशनल के नाम से ऐसा एंपायर खड़ा किया, जिसका सालाना टर्नओवर 45 करोड़ रुपए का है।

यही नहीं, वेस्ट से हैंडीक्राफ्ट बनाने वाली प्रदेश की यह पहली ऐसी कम्पनी है, जो कैपिटल माकेर्ट में सूचिबद्ध है। इनके हैंडीक्राफ्ट आइटम की आज 36 देशों में डिमांड है। पोलो ग्राउंड में चल रहे माहेश्वरी ग्लोबल एक्सपो में उनकी स्टॉल पर वेस्ट से बने ऐसे ही यूनिक हैंडीक्राफ्ट आइटम हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। इनकी विस्तृत रेंज देखकर ही लोग अचंभित हो जाते हैं। इन हैंडीक्राफ्ट आइटम के साथ लोग सेल्फी और फोटो खिंचवा रहे हैं। कार के बोनट और सीट से बने सोफा सेट तो लोगों को इतना पसंद आ रहा है कि हर कोई इस पर बैठ फैमिली फोटो खिंचवा रहा है।

शास्त्रीनगर में रहने वाले रितेश लोहिया ने 2008 से 2012 तक कई बिजनेस किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस पर पत्नी प्रीति के साथ वेस्ट से हैंडीक्राफ्ट आइटम बनाने के आइडिया पर काम शुरू किया। कुछ आइटम बनाकर उनके फोटो वेबसाइट पर अपलोड कर दिए। कुछ ही दिनों में उन्हें डेनमार्क से पहला ऑर्डर मिला। लेकिन पुराने बिजनेस में नुकसान के कारण उनके पास ऑर्डर के आइटम बनाने लायक पैसे नहीं थे। इस पर एक दोस्त से उधार लेकर पहला ऑर्डर पूरा किया।

इसके बाद विदेशों में उनके हैंडीक्राफ्ट आइटम की डिमांड बढऩे लगी। रितेश ने बताया कि प्रदेश में हैंडीक्राफ्ट आइटम बनाने वाली उनकी पहली कम्पनी है, जो कैपिटल मार्केट में है। उनके आइटम की सबसे ज्यादा डिमांड पर यूरोपियन के देशों में हैं। लोहिया के इस बिजनेस को डिस्कवरी और हिस्ट्री चैनल भी दिखा चुके हैं।

कार से सोफा, बाइक और साइकिल से स्टैंड
रितेश ने बताया कि वे वाहनों, रेलवे व बसों के कबाड़ से डायनिंग टेबल, स्टैंड और प्लास्टिक के कट्टे, बोरियों से बेडशीट, चेयर के कवर बनाते हैं। उनकी तीन फैक्ट्रियां हैं। एक फैक्ट्री में टेक्सटाइल वेस्ट, प्लास्टिक के कट्टे, बोरियों के वेस्ट से, दूसरी फैक्ट्री में बाइक, थ्री व्हीलर व फोर व्हीलर के कबाड़ से हैंडीक्राफ्ट आइटम और तीसरी फैक्ट्री में फर्नीचर बनाते हैं।