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बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के सरैया प्रखंड के आनंदपुर गांव की रहने वाली 63 वर्षीय राजकुमारी देवी उर्फ 'किसान चाची' ने खेती में अपना दमखम दिखाते हुए पुरुषों को बहुत पीछे छोड़ दिया। "पद्मश्री पुरस्कार" से सम्मानित किसान चाची की पहचान देशभर में एक मोटिवेटर के रूप में भी होने लगी है। वह अपने आसपास के क्षेत्रों में जाकर महिलाओं को खेती के साथ-साथ सशक्तिकरण के भी गुर सिखा रही है। अभिनेता अमिताभ बच्चन भी 'कौन बनेगा करोड़पति' में किसान चाची की लगन और मेहनत की प्रशंसा कर चुके हैं।
बनना चाहती थी टीचर
एक शिक्षक के घर में जन्मी राजकुमारी देवी का विवाह मैट्रिक पास करने के बाद 1974 में एक किसान परिवार के युवा अवधेश कुमार चौधरी से कर दिया गया। शादी के बाद वह अपने पति के परिवार के साथ मुजफ्फरपुर जिले के आनंदपुर गांव में रहने लगी। शुरू में राजकुमारी शिक्षिका बनना चाहती थी परन्तु परिजनों के विरोध के चलते ऐसा नहीं हो सका। आखिर में पति की बेराजगारी और परिवार की आर्थिक तंगी के कारण किसानी को ही अपना लिया।
पहले खुद ने ली जानकारी, अब दूसरों को सिखाती हैं खेती
किसान चाची ने कृषि की उन्नत तकनीकें सिखीं और अपनाईं। धीरे-धीरे वो दूसरी महिलाओं को भी कृषि का ज्ञान देने लगी। किसान चाची कहती हैं, "मैं अक्सर देखती थी कि महिलाएं सिर्फ खेत में मजदूरी करते हुए ही नजर आती थीं। उन्हें किसी प्रकार का कृषि तकनीकी ज्ञान नहीं हुआ करता था। वे सिर्फ पुरुषों के बताए अनुसार ही कार्य करती थीं। जब महिलाएं खेत में मेहनत करती ही हैं तो क्यों ना बेहतरीन कृषि तकनीक सीख कर मेहनत करें। मैंने तय किया कि मैं पहले खुद कृषि तकनीकी ज्ञान लूंगी और साथ ही दूसरी महिलाओं को इसके लिए प्रेरित करूंगी।"
महिलाओं को भी बना रही हैं सशक्त
खेती का ज्ञान लेने के बाद वह गांव-गांव जाकर महिलाओं के स्वयं सहायता समूह बनाने लगी। अब तक किसान चाची 40 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर चुकी हैं। आज 62 वर्ष की उम्र होने के बाद भी वह रोजाना लगभग 30 से 40 किलोमीटर साइकिल चलाती हैं और गांवों में घूम-घूमकर किसानों को अपना ज्ञान देती हैं। उनके अनुसार अब तक सैंकड़ों महिलाओं ने खेती को ही अपने जीविकोपार्जन का आधार बना लिया है। अब वो महिलाओं को अपने घर पर ही घरेलू उत्पाद यथा अचार, मुरब्बा आदि बनाने की तकनीकें सिखाती हैं।
समाज में उनके योगदान को देखते हुए अब तक किसान चाची को कई पुरस्कारों और सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। बिहार सरकार ने राजकुमारी को वर्ष 2006-07 में 'किसान श्री' से सम्मानित किया। सरैया कृषि विज्ञान केंद्र की सलाहकार समिति की सदस्य बनाई गई। उनकी सफलता की कहानी पर केंद्र सरकार के कृषि विभाग द्वारा वृत्तचित्र का भी निर्माण कराया गया है।
Published on:
04 Mar 2019 03:11 pm
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