छोटी सी उम्र में की थी शुरूआत, कुछ ही वर्षों में बन गई करोड़पति
उनके पिता उन्हें प्रोफेसर बनाना चाहते थे, लेकिन वह उद्यमी बनना चाहती थीं।

महिलाएं भी किसी मामले में पीछे नहीं हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में बड़ी सरलता व स्पष्टता से कार्य पूरा करके नए उदाहरण पेश कर रही हैं और सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं। शेरोस की फाउंडर व सीईओ शायरी चहल का नाम भी ऐसी ही महिलाओं में शुमार है।
शेरोस महिलाओं की एक ऐसी कम्यूनिटी है, जहां बिजनेस से लेकर फाइनेंस और हैल्थ, तकरीबन सभी विषयों पर विचार विमर्श किया जाता है। यह प्लेटफॉर्म विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की हेल्प व सपोर्ट करता है। इस प्लेटफॉर्म के तहत कॅरियर हेल्पलाइन संचालित की जाती है, जो वीमन को घर बैठे जॉब सर्च करने में हेल्प करती है। इसके साथ ही जॉब फेयर, वर्कशॉप्स, कम्यूनिटी की मीटिंग्स समेत अन्य प्रोग्राम आयोजित करता है।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर में जन्मी और पली-बढ़ी होने के कारण चहल ने ग्रामीण जीवन को करीब से देखा। उनके पिता उन्हें प्रोफेसर बनाना चाहते थे, लेकिन वह उद्यमी बनना चाहती थीं। एंटरप्रेन्योर के तौर पर वह लोगों की प्रॉब्लम्स सॉल्व करना चाहती थीं। यही वजह है कि चहल जब 1999 में इंटरनेशनल स्टडीज में जेएनयू से एमफिल कर रही थीं तो उन्होंने अपना पहला स्टार्टअप नाविकों के लिए स्थानीय न्यूजपेपर शुरू किया।
यह स्टार्टअप उन नाविकों को जेहन में रखकर शुरू किया, जो लंबे समय तक दैनिक विकास से अनभिज्ञ रहते थे। वह फ्लेक्सीमॉम्स की को-फाउंडर भी रहीं। महिलाओं के लिए कुछ करने के उद्देश्य से उन्होंने 2013 में शीरोस की शुरुआत की। शीरोस के जरिए वह रोजगार तलाश कर रही महिलाओं की मदद करती हैं। इस स्टार्टटप के बिजनेस प्लान से लेकर मार्केट में इसे स्थापित करने तक उन्हें तमाम तरह के चैलेंजेज फेस करने पड़े। धीरे-धीरे इस प्लेटफॉर्म से बड़ी तादाद में महिलाएं जुडऩे लगी। उन्होंने खुद को सफल उद्यमी के तौर पर स्थापित कर लिया।
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