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राजस्थान सरकार ने राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (फैसेलिटेशन ऑफ एस्टेबिलेशमेन्ट एण्ड ऑपरेशन) अध्यादेश, 2019 अधिसूचित कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर अधिसूचित इस अध्यादेश के प्रभावी होने के बाद msme उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पडेंगे बल्कि वे केवल स्वयं डिक्लेरेशन प्रपत्र भरकर ही अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगे। यही नहीं उद्यमी को तीन साल तक विभिन्न विभागों की स्वीकृतियों एवं निरीक्षणों सहित कई तरह की विधिक एवं प्रशासनिक जटिलताओं से मुक्ति मिल जाएगी।
अध्यादेश के प्रावधानों के अनुसार उद्यमी को एक निर्धारित प्रारूप में इलेक्ट्रॉनिक अथवा भौतिक रूप से उद्यम स्थापना करने का पत्र नोड़ल एजेन्सी को प्रस्तुत करेगा और नोडल एजेन्सी द्वारा प्राप्ति का प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें तीन वर्ष तक विभिन्न विभागों की स्वीकृति एवं निरीक्षणों से छूट मिल जाएगी। हालांकि उन्हें प्रदेश में पहले से प्रभावी सभी कानूनों के अनुरूप चलना होगा। तीन वर्ष का समय पूरा होने के बाद उद्यमों को अगले छह माह में आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त करनी होगी।
सूत्रों के अनुसार इस अध्यादेश के लागू होने से उद्यमी के समय की बचत होगी और वह अपना ध्यान उद्योग के विस्तार और उत्पादन बढ़ाने पर लगा सकेगा। नये उद्योग स्थापना की व्यवस्था सरलीकृत होने से राज्य में निवेश के अनुकूल माहौल बनेगा और एमएसएमई उद्यम ज्यादा से ज्यादा स्थापित हो सकेंगे।
Published on:
05 Mar 2019 05:06 pm
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