जिले में हैं 587 लाइसेंसधारी
जिले में कुल शस्त्र लाइसेंसधारियों की संख्या 587 बताई गई है, जिसमें रायफल, 12 बोर और रिवाल्वर के लाइसेंस शामिल हैं। कलेक्ट्रेट से मिली जानकारी अनुसार शस्त्र लाइसेंस बनवाने वालों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी शामिल है, शहरी क्षेत्रों में जहां आमतौर पर लोग अपनी जान-माल की सुरक्षा के साथ ही कई लोग रसूख दिखाने के लिए भी हथियार लेकर चलते हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जो लोग शस्त्र रखते हैं उसके पीछे ज्यादातर कारण वन्यजीवों से सुरक्षा भी होता है।
हर साल बढ़ रही लाइसेंस की संख्या
अपर कलेक्टर कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार जिले में हर साल करीब एक दर्जन लोग शस्त्र लाईसेंस बनवा रहे हैं। हालांकि पिछले करीब तीन सालों नवीन लाईसेंस जारी नहीं किए गए हैं। इन तीन सालों में दो साल कोरोना काल भी शामिल है। इसी के चलते लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया नहीं हो सकी। हर तीन साल में शस्त्र का नवीनीकरण कराना भी जरूरी होता है, नवीनीकरण का शुल्क लगातार बढऩे के कारण कई लाईसेंसधारी अपने लाईसेंस भी निरस्त करा लेते हैं।
कारण बताकर रख सकते हैं शस्त्र
आमतौर पर स्वयं की सुरक्षा के लिए शस्त्र रखे जाते हैं, जिसके लिए लाइसेंस होना जरूरी होता है। विशेष अवसर जैसे चुनाव या फिर जब भी शासन को यह लगे कि शस्त्र रखने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। ऐसे में शासन द्वारा लाइसेंस रद्द कर दिए जाते हैं। वर्तमान में आगामी विधानसभा चुनाव के चलते लगी आचार संहिता के कारण लाइसेंस रद्द किए गए हैं और संबंधित थानों में हथियार जमा कराने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन शासन द्वारा एक विकल्प शस्त्रधारियों को यह भी दिया गया है कि यदि शस्त्रधारियों को लगता है कि उनकी सुरक्षा के लिए शस्त्र होना जरूरी है, तो वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। मंडला जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी को यदि आवेदन में लाइसेंसधारी द्वारा बताया गया शस्त्र रखने का कारण उचित लगता है। तो उन्हें शस्त्र रखने की अनुमति मिल भी सकती है।
देना होता है मानसिक स्वस्थता का प्रमाण-पत्र
अपर कलेक्टर कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार शस्त्र लाईसेंस लेने के लिए कई तरह की जरूरी दस्तावेज जमा करना होता है। जिसमें मानसिक स्वस्थता का प्रमाण पत्र भी शामिल है। जिसके लिए लाइसेंस का आवेदन करने वाले व्यक्ति को कुछ दिन डॉक्टरों की निगरानी में रहना होता है। जिसके बाद डॉक्टर द्वारा मानसिक रूप से स्वस्थ होने संबंधी प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसी के साथ शस्त्र जमा करने पर संबंधित थाने से पावती भी दी जाती है, कई बार कुछ स्थानों में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें हथियार से हमला करने के बाद संबंधित व्यक्ति द्वारा बेकडेट में शस्त्र जमा कराना बताकर अपराध से बचने का प्रयास किया जाता है। इसलिए थाने में शस्त्र जमा करने के बाद एक पावती भी दी जाती है ताकि शस्त्र का प्रकार, लाइसेंसधारी की संपूर्ण जानकारी के साथ ही शस्त्र जमा करने की तारीख भी उल्लेखित रहे।
आचार संहिता के लगते ही शस्त्र लाईसेंस रद्द हो जाते हैं, अलग से लाईसेंसधारियों को कोई सूचना नहीं दी जाती। -अमित वर्मा, एएसपी
आदर्श आचार संहिता के लगते ही शस्त्रधारकों संबंधित थानों में शस्त्र जमा कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं, फिलहाल शस्त्र जमा कराने की कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं है। लेकिन जल्द से जल्द शस्त्र जमा कराए जा रहे हैं। -सलोनी सिडाना, कलेक्टर मंडला