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मंदसौर

बारिश से पहले नहीं डला पोटर्ट तो फिर अधर में लटक जाएगा काम

बारिश से पहले नहीं डला पोटर्ट तो फिर अधर में लटक जाएगा काम

मंदसौरMay 28, 2019 / 11:49 am

Nilesh Trivedi

patrika

बारिश से पहले नहीं डला पोटर्ट तो फिर अधर में लटक जाएगा काम


मंदसौर.
जिस चंबल के पानी का मंदसौर इंतजार कर रहा है। वह ढीलपोल के कारण लेट होता जा रहा है। पहले ही एक से डेढ़ साल देरी हो चुकी है और अभी कम से कम ६ माह और शहर को चंबल के पानी का इंतजार करना पड़ेगा। कारण अभी काम पूरा नहीं हुआ और कई तकनीक काम बाकी है। तीन लेयर में जो पोर्ट का काम चल रहा है।
वह यदि बारिश से पहले पूरा नहीं हुआ तो यह फिर अधर में लटक जाएगा। एक बारिश होते ही काम रुक जाएगा। इंटकवले गलत जगह बनाने के कारण यह स्थिति बनी। यहां तीन लेयर में पोर्ट डालने का रास्ता निकला था। लेकिन पिछले दो माह से अधिक समय से नदी पर खुदाई का ही काम चल रहा है। शहर की प्यास बुझाने वाले चंबल प्रोजेक्ट में अभी शासन स्तर से एमपीईबी के सब स्टेशसन के लिए अनुमति से लेकर बढ़ी हुई लागत के अलावा अन्य विभागों की अनुमतियां का काम होना भी बाकी है।

पोर्ट में यह हैकि तकनीकि बिंदु
पोर्ट पूरे चंबल प्रोजेक्ट में सबसे अहम तकनीकि पांईट है। जो नदी को इंटकवेल से जोडऩे का काम करेगा। दरअसल, चंबल प्रोजेक्ट में ठेकेदार ने नदी से अधिक दूरी पर इंटकवेल बना दिया।जबकि यह नदी तट पर होना चाहिए। नपा ने आपत्ति ली भी सही लेकिन शासन से निर्माण कंपनी ने इसे अप्रुव करवा लिया। अब इस इंटकवेल को नदी से जोडऩे के लिए तीन लेयर में पोर्ट डालने का काम चल रहा है। जो अलग-अलग स्तर से नदी को इंटकवेल से जोडक़र पानी मंदसौर पहुंचाने का काम करेगा। लंबे समय से इसी का काम चल रहा है। जो अतिरिक्त समय हो गया है। समय-सीमा भी पहले ही पूरी हो चुकी है। फिर भी जैसे-तैसे नपा से ठेकेदार से काम पूरा करवाने के लिए बार-बार समय-सीमा बढ़ा भी रही है।

२२ मीटर गहरा और १४ मीटर चौड़ाई के लिए चल रही खुदाई
पोर्ट के काम के लिए लंबे समय से यहां पर खुदाई का ही काम चल रहा है। १४ मीटर चौड़ाई और २२ मीटर गहराई जो बहुत अधिक है। यह खुदाई ही पिछले एक माह से चल रही है। अब एक माह में पोर्ट का काम पूरा नहीं हुआ तो एक बारिश होते ही यह पूरा काम फिर अधर में लटक जाएगा। पोर्टके बाद पंप स्टॉलेशन और फिनिशिंग होना है। तो एमपीईबी की २२ किमी की विद्युत लाईन के अलावा कोल्वी में पॉवर सब स्टेशन बनना है।
जो प्रोजेक्ट के समय ४ किमी की डलना थी, लेकिन अब बढ़ गई है। इससे प्रोजेक्ट में ड़ेढ़ करोड़ से अधिक की लागत बढ़ रही है। इसके बाद पाईप लाईन का काम भी होना है। वहीं रेलवे क्रॉसिंग की रेलवे से अनुमति नहीं मिली है। लोनिवि और एमपीआरडीसी की अनुमति का मामला है। इन सभी को राशि जमा करना है। ये सभी काम होने के बाद चंबल का पानी मंदसौर आ सकेगा।

आचार संहिता के कारण नहीं हुई बैठक
एमपीईबी वाले मामले को लेकर लागत बढऩे के कारण शासन की अनुमति चाहिए। लेकिन आचार संहिता के कारण इस मामले में अभी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी। अब आचार संहिता खत्म हुई और शासन स्तर पर विभागीय बैठक अब होगी तो इस मामले की अनुमति अब मिलने की उम्मीद जागी है। इसके अलावा विभागों को राशि जमा कराने के बाद अनुमति मिल सकेगी। इसके बाद उनके हिस्से में काम हो सकेगा। इन सभी पहलूओं पर आचार संहिता के कारण निर्णय नहीं हो सका था। ऐसे में शहर के लिए अहम चंबल प्रोजेक्ट जो रेंगते हुए चल रहा है। इसे अब गति मिलने की आस है।

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