दरअसल सीतामऊ फाटक पर सेतु विभाग द्वारा टी-आकार के ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पिछले चार सालों से किया जा रहा है। यहां रेलवे फाटक भी रेलवे ने ब्रिज निर्माण के साथ बंद कर दी। ऐसे में इस रुट से सीतामऊ, सुवासरा, गरोठ, शामगढ़ व भानपुरा तक के करीब ५०० से अधिक गांवों के हजारों लोगों को आवाजाही के लिए पिछले चार सालों से वेकल्पिक मार्गसे आना-जाना पड़ रहा है। लेकिन रतलाम-नीमच रुट पर ब्रिज बनकर तैयार हो गया और अगस्त-२०१८ में इस पर ट्रैफिक भी शुरु किया गया। लेकिन सीतामऊ की और ब्रिज पर रेलवे फाटक वाले क्षेत्र में काम नहीं होने के कारण काम अधूरा ही पड़ा है। ऐसे में रेलवे ने यहां काम शुरु किया और अब इस काम में तेजी आई तो उम्मीद जागी की जल्द ही अधूरे पड़े इस ब्रिज का काम पूरा होगा और लंबे समय से इस ब्रिज से ट्रैफिक शुरु होने का इंतजार कर रहे इस क्षेत्रके हजारों लोगों को ओवरब्रिज से आवाजाही की सुविधा मिल सकेगी।
मानसून है करीब
अब मानसून का दौर भी करीब आ गया है। ऐसे में अधूरे पडे निर्माण को पूरा करने और ब्रिज के प्रोजेक्ट पर फिर से माननूस के बादल छा रहे है। हालंाकि सेतु विभाग का उनके हिस्से का काम यहां पूरा है। रेलवे का ६० मीटर का काम पूरा होने के बाद सेतु विभाग यहां बचे हुए स्लेब डालने का काम पूरा करेगा।