चीन और जापान में तेल की खपत बढऩे और वैक्सीन के जल्द आने की उम्मीद से कच्चे तेल में इजाफा
- इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड 43 डॉलर प्रति बैरल पार, अमरीकी ऑयल 41 डॉलर के करीब
- चीन में अक्टूबर महीने के औद्योगिक उत्पादन के अच्छे आंकड़े आए हैं जिससे बाजार को सपोर्ट मिला

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के प्रकोप पर लगाम लगाकर इसके कहर से लोगों को निजात दिलाने वाले वैक्सीन लाने की दिशा में हो रही प्रगति से आर्थिक हालात सुधरने के संकेत मिल रहे हैं, जिससे कच्चे तेल में तेजी देखी जा रही है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव फिर 43 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोमवार को लगतार दूसरे सत्र में कच्चे तेल में तेजी बनी हुई थी। बाजार के जानकार बताते हैं कि चीन और जापान में आर्थिक गतिविधियां बढऩे से तेल की खपत में इजाफा होने की उम्मीद बढ़ गई है जिसके चलते कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है, खासतौर से चीन और जापान में अच्छे आर्थिक आंकड़े आने से तेल के दाम को सपोर्ट मिला है।
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कच्चे तेल के इंटरनेशनल प्राइस में इजाफा
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर जनवरी डिलीवरी ब्रेंट क्रूड के अनुबंध में सोमवार को बीते सत्र से 1.15 फीसदी की तेजी के साथ 43.27 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। वहीं, अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के दिसंबर अनुबंध में बीते सत्र से 1.45 फीसदी की तेजी के साथ 40.71 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।
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क्यों मिल रहा है क्रूड ऑयल को सपोर्ट
एजेंल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट एनर्जी व करेंसी रिसर्च अनुज गुप्ता ने बताया कि कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीदों से बाजार में तेजी लौटी है। उधर, चीन में अक्टूबर महीने के औद्योगिक उत्पादन के अच्छे आंकड़े आए हैं जिससे बाजार को सपोर्ट मिला है। उन्होंने कहा कि तेल उत्पादक व निर्यातक देशों का संगठन ओपेक और इसके सहयोगी उत्पादन में रोजाना 77 लाख बैरल की कटौती कर रहे हैं जबकि ये आगे और कटौती करने पर विचार कर सकते हैं जोकि जिससे तेल की तेजी को सपोर्ट मिलेगा।
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लीबीया की वजह से बनेगा दबाव
जानकार बताते हैं कि ओपेक व अन्य की मंत्री स्तरीय समिति की बैठक मंगलवार को होने जा रही है जिसमें इस मसले पर विचार के लिए सिफारिश की जा सकती है। गुप्ता ने कहा कि कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती और खपत में वृद्धि दोनों बाजार के लिए सकारात्मक है, हालांकि लीबिया में तेल के उत्पादन में हो रही वृद्धि का दबाव बना रहेगा।
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