वैसे तो सेबी किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो के बारे में जानकारी मांग सकता है और समय-सम पर बाजार में ऐसे फैसले लिये भी जाते हैं लेकिन ये पहली बार है जब सरकार ने किसी देश विशेष से हो रहे निवेश के बारे में स्पष्ट जानकारी मांगी है। दरअसल सरकार ने सेबी से चीन और हॉन्गकॉन्ग से आने वाले निवेश की जांच करने को कहा है। उसी के बाद सेबी ने ये आदेश जारी किया है।
सेबी ने कस्टोडियन को भेजे अपने आदेश में लिखा है, “जिन FPI का बेनिफिशयरी अकाउंट चीन और हॉन्गकॉन्ग के हैं उनकी जानकारी तुरंत मुहैया कराई जाए।”
आपको बता दें कि इसी हफ्ते चायना के पीपल्स बैंक ( PBOC ) ने HDFC BANK में अपने शेयर में इजाफा किया है । पहले इस एचडीएफसी में 0.8 फीसदी की हिस्सेदारी वाले इस बैंक ने अब 1 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी हासिल कर ली है। ओपन मार्केट में हुई इस खरीदारी की वजह से शेयर मार्केट के एक्सपर्ट्स को परेशान कर दिया है। दरअसल FPI रूट के जरिए ओपन मार्केट ( OPEN MARKET OPERATIONS ) से स्टेक खरीदना अधिग्रहण के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। कोरोनावायरस की वजह से स्टॉक एक्सचेंज का हाल बुरा है और इसकी वजह से शेयर काफी सस्ते हो चुके हैं।
16 चाइनीज FPI हैं रजिस्टर्ड-
भारतीय शेयर मार्केट की बात करें तो एसेट मैनेजर्स का कहना है कि चीन और जापान से होने वाले निवेश को ट्रैक करना बेहद पेचीदा है। दरअसल ये देश या तो बहुत छोटा निवेश करते हैं और अगर बड़ा निवेश करते हैं तो वो इंडियन एसेट मैनेजर्स के जरिए नहीं करते हैं। मार्केट में अभी तक 16 चायनीज FPI रजिस्टर्ड है और उनके माध्यम से लगभग 1.1 अरब डॉलर का निवेश हुआ है। इन FPI में PBOC, CIFM एशिया पैसेफिक फंड, चाइना इंटरनेशनल फंड मैनेजमेंट, बेस्ट इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन और एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट का नाम शामिल है।