यह भी पढ़ें- लॉकडाउन में घाटा होने पर व्यापारी ने ईदी देने की जगह ली मासूम बेटी की जान, पत्नी और खुद को भी चाकू से गोदा दरअसल, यह मामला मथुरा के राया थाना क्षेत्र के गांव तेहरा महावन का है। जहां के रहने वाले मदन पाल की बेटी रिश्ता थाना मांट गांव के नगला मनी गांव के रहने वाले सूरजपाल के बेटे ओमहरी के साथ तय हुआ था। सूरजपाल ने यह किया कि वह बेटे की शादी कोविड गाइडलाइन के नियमों के साथ ही करेंगे। इसलिए वह तय कार्यक्रम के अनुसार, बुधवार को बारात लेकर तेहरा महावन गांव पहुंचे। वह कोविड गाइडलाइन के तहत महज 25-30 बाराती लेकर ही पहुंचे थे। सब कुछ हंसी खुशी चल रहा था। दूल्हा घोड़ी पर सवार होकर बारात के साथ जैसे ही दुल्हन के दरवाजे पर पहुंचा तो पल भर में ही खुशी का माहौल मायूसी में तब्दील हो गया। क्योंकि दुल्हन के चाचा केहरी बारात में कम बाराती लाने की बात कहजे हुए शादी से इनकार कर दिया। बाराती और दूल्हा पक्ष ने जब यह बात सुनी तो जैसे उनके पैरों तले जमीन ही न रही।
उधर दूल्हा पक्ष मायूस था, इधर दुल्हन पक्ष ने शादी के उसी मंडप में बेटी की शादी किसी और से करने की तैयारी शुरू कर दी। इसके बाद दुल्हन के उसी मंडप में एक अन्य युवक के साथ फेरे डाल दिए। जब यह बात गांव के ग्रामीणों को पता चली तो उन्होंने दूल्हे पक्ष को भरोसा दिया कि दूल्हा अब दुल्हन लेकर ही जाएगा। ग्रामीणों ने सभी भूखे-प्यासे बारातियों के खाने-पीने का आनन-फानन में इंतजाम किया। इसके बाद अगली सुबह सोगरवाद के रहने वाले मुकेश की बेटी से दूल्हे की शादी कराई गई और हंसी-खुशी के माहौल में बेटी के साथ बारात को विदा किया गया। दूल्हे के लिए शादी टूटने के तुरंत बाद दूसरी शादी होना किसी चमत्कार से कम नहीं था।