मथुरा

सीएमओ कार्यालय में Corruption on Wheels, जांच के दौरान गोलमाल देख हैरान रह गई टीम

-वाहन कंपनी से बनकर निकला नहीं लेकिन चलता हुआ दिखाकर भुगतान किया जाता रहा -तीन सदस्यीय जांच समिति की जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा. मामले को दबाने में जुटा विभाग

मथुराJun 26, 2019 / 10:35 am

Bhanu Pratap

भ्रष्टाचार

मथुरा। गाड़ी कंपनी से बन कर निकली नहीं, किसी आरटीओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन हुआ नहीं और सीएमओ कार्यालय ने तीन महीने पहले ही गाड़ी को अपने यहां कागजों में दौड़ाकर एक लाख रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया। अब ये कारगुजारी तत्कालीन सीएमओ सहित कई उन जिम्मेदार अधिकारियों की गले की फंस बन गई है, जो इस पूरे खेल में शामिल थे।
यह भी पढ़ें

राम रहीम की पैरोल अर्जी पर सुब्रमण्यम स्वामी का बड़ा बयान, देखें वीडियो

शिकायत पर हुआ खुलासा

इस खेल का खुलासा तब हुआ जब एक शिकायत पर अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सीएमओ कार्यालय मथुरा को जांच के आदेश दिये। जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि सरकार द्वारा चलाये गये तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्रचार अभियान के लिए सीएमओ कार्यालय की ओर से गाड़ी संख्या यूपी 14 जीटी 5326 को 10 अक्टूर 2017 को अडीग से सीएमओ आफिस तक 34 किलोमीटर चलता हुआ दिखाया गया है। ड्राइवर का नाम राजू दिखाया गया है। सुपरविजन एनटीपीसी दिखाया गया है। इसी तहर अन्य तारीखों में भी गाड़ी को चलता दिखाया गया है। गाड़ी की आरसी के मुताबिक उसकी मैन्यूफैक्चरिंग डेट से पहले की तारीख हैं। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन आरटीओ कार्यालय गाजियाबाद में 8 जनवरी 2018 को हुआ और यह गाडी कंपनी से बनकर 3 अक्टूबर 2017 को निकली। शिकायतकर्ता आरटीआई कार्यकर्ता प्रेम चतुर्वेदी की शिकायत पर हुई इस जांच के लिए सीएमओ ने अपर मुख्य चिकित्साअधिकारी डॉ. देवेन्द्र अग्रवाल, जिला प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अनजु कुमार और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रशासन डॉ. ब्रजेश खन्ना की तीन सदस्यीय समिति बना कर जांच सौंप दी। इस जांच समिति ने जांच रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय से 8 जून को भेज दी थी।
यह भी पढ़ें

अमंगलः मथुरा की सड़कों पर ‘झपकी’ का कहर

Corruption
यह है जांच रिपोर्ट
जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 3 अक्टूबर 2017 से 14 जनवरी 2018 तक वाहन संख्या यूपी 14 जीटी 5236 उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं था। इस अवधि का भुगतान किया जाना गलत है। भुगतान तीन अक्टूबर से 14 जनवरी 2018 तक नियम विरुद्ध किया गया। नियमानुसार 15 जनवरी 2018 से 28 मार्च 2018 तक 1065 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कुल 47926 रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए था, लेकिन इस वाहन का भुगतान 1.5 लाख रूपये किया गया है। अतः 102076 रुपये का अधिक भुगतान किया गया है, जो कि सरकारी धन का दुरुपयोग है।
यह भी पढ़ें

Brahma Kumari Rape Case: ब्रह्मकुमारी आश्रम में युवती के साथ हुआ रेप, आरोपी आश्रम संचालक गिरफ्तार

यह भी पढ़ें

बस से टकराई बारातियों की कार, दूल्हे समेत तीन लोगों की मौत से मच गई चीख पुकार, देखें वीडियो
 

Corruption
जांच में भी गोलमाल
अपर मुख्य चिकित्साअधिकारी डा. देवेन्द्र अग्रवाल, जिला प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अनजु कुमार और अपर मुख्य चिकित्साअधिकारी प्रशासन डा. ब्रजेश खन्ना की तीन सदस्यीय समिति ने भी जांच में गोलमाल कर दिया। अपने विभागीय साथियों को बचाने के लिए गाडी नम्बर यूपी 14 जीटी 5226 को दर्शाया है जबकि शिकायतकर्ता ने गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नम्बर यूपी 14 जीटी 5326 बताया है। इस जांच रिपोर्ट के बाद एक और प्रश्न खड़ा हो गया है कि एक की जगह दो गाड़ियों का अधिग्रहण किया गया या यह जांच समिति द्वारा जानबूझ कर किया गया झमेला है।
यह भी पढ़ें

प्राइवेट पैक्टिस कर रहे AMU के डॉक्टर, दोपहर 12.30 बजे के बाद हो जाते हैं गायब

Corruption
जांच रिपोर्ट भेज दी है
मथुरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शेर सिंह का कहना है कि इस मामले में जांच अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय से आई थी। हमने जांच तीन सदस्यीय समिति से जांच करा कर रिपोर्ट भेज दी है। आगे की कार्रवाई ऊपर से ही होगी। हमारे स्तर से कोई कार्यवाही संभव नहीं है।
यह भी पढ़ें

सड़क दुर्घटना में उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री के बेटे समेत 2 की मौत

Home / Mathura / सीएमओ कार्यालय में Corruption on Wheels, जांच के दौरान गोलमाल देख हैरान रह गई टीम

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.