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अखंड सौभाग्य के लिए महिलाएं रखती हैं हरियाली तीज का व्रत, जानिये शुभ मुहूर्त समेत व्रत की विधि बता दें कि कान्हा की नगरी में हरियाली तीज का एक अलग ही महत्व है। भगवान बांके बिहारी मंदिर में हरियाली तीज के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पिछले डेढ़ सौ वर्षों से चली आ रही परम्परा के अनुसार भगवान को गर्भगृह से बहार लाया गया। भगवान ने भक्तों को अपनी सखियों के साथ हिंडौले में विराजमान होकर दर्शन दिए।
इस दौरान बड़ी संख्या में देश और विदेश से पहुंचे श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य के अलौकिक दर्शन किए। सवा मन के सोने के झूलों में विराजमान नन्द के लाल को देखते ही भक्त भाव विभोर हो उठे। इस मौके पर बांके बिहारी के मंदिर में हर तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आई। मंदिर को भव्य तरीक से फूल और पत्तियों से सजाया गया। भक्तों ने अपने आराध्य को झूला झुलाते समय एक अलग ही अनुभूति का अनुभव किया।
सुरक्षा के चाक-चौबंद प्रबंध हरियाली तीज पर सभी श्रद्धालु भगवान के रंग में रंगे नजर आए। बता दें कि इस पर्व को लेकर कई दिन पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। वहीं, सुरक्षा को देखते हुए मंदिर में हर तरफ पुलिस और पीएसी की कंपनी तैनात की गई। सीसीटीवी कैमरों के द्वारा भी सभी जगह नज़र रखी गई। मंदिर में श्रद्धालुओं को दो द्वारों से प्रवेश दिया गया और दो निकास द्वार बनाए गए।