रवि योग के साथ सर्वार्थसिद्धि योग भी पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन प्रातः चंद्रमा अपनी उच्च वृषभ राशि में होगा और इस दिन रवि योग के साथ-साथ सर्वार्थ सिद्ध योग भी है। इस वर्ष सूर्योदनी अक्षय तृतीया प्रातः लगभग 5.56 बजे से प्रारंभ हो जाएगी। पूर्ण प्रभावी रूप से शाम 6.44 बजे तक रहेगी। भद्रा मुक्त तिथि में पूरा दिन पूजन, दान आदि के लिए श्रेष्ठ रहेगा। बुधवारीय अक्षय तृतीया बुद्धि, विवेक व जीवन में सफलता को शीघ्र दिलवाने वाली होती है।
हनुमान जी की पूजा, कैसे मिलता है फल
दान, हवन, पूजन के लिए विशेष समय अक्षय तृतीया के दिन पूजा के लिए तीन योग हैं, जिनमें से पहला अमृत योग प्रातः 6 बजे से प्रातः 7.30 तक रहेगा। इसमें पूजा करने से धन लाभ के साथ जीवन में समृद्धि आएगी। दूसरा है शाशु योग, जो प्रात: 10.30 से दोपहर 12 बजे तक रहेगा। इस योग में पूजा करके कोई सोने या धातु का सामान खरीदकर अपनी तिजोरी में रखे तो मनवांछित मनोकामना पूरी होगी। तीसरा है लाभ योग, जो शाम को 4.30 बजे से सांय 6 बजे तक रहेगा। इस योग में व्यापारियों काे पूजा-पाठ करने से उनके कारोबार में वृद्धि होगी।
विवाह व गृहप्रवेश के लिए फलदायी है अक्षय तृतीया पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार, वैशाख शुक्ल तृतीया अबूझ
मुहूर्त के रूप में सभी शुभ कार्यों के लिए अक्षय फलदायी होती है। इसमें विवाह, गृह प्रवेश कोई भी नवीन निर्माण अथवा कोई भी कार्य का प्रारंभ करना वास्तव में शुभ माना जाता है।
चीज का दान, इन सात तरह के दान से मिलेगी अकूत संपत्ति
इन चीजों का करें दान अक्षय तृतीया पर जल से भरा कलश, पंखे, जूते, चप्पल, खड़ाऊ, छाता, चावल, नमक, घी, चीनी, साग, इमली, फल और वस्त्र का दान शुभ फल प्राप्त करने में विशेष पुण्यकारी होता है। अक्षय तृतीया पर सात प्रकार के अन्न (सतनाज) मिट्टी के सात पात्रों में रखकर की जाने वाली गौर-पार्वती की पूजा से सुख समृद्धि आती है।