अग्रणी बैंक म मंडलीय प्रबंधक संजीव कुमार ने बताया कि आरबीआई ने कुछ दिशा- निर्देश चेक से होने वाले भुगतानों के लिए जारी किए हैं। राष्ट्रीयकृत बैंकों में नकली चेक की पहचान के लिए अलग-अलग तरीके हैं। कहीं पर पानी की मार्किंग की जाती है तो कहीं पर अलग-अलग निशान के जरिये पहचान की जाती है। इसके बाद भी चेक के जरिये होने वाले फ्रॉड कम नहीं हो रहे हैं। यह भी देखा गया है कि मैटीरियल अल्ट्रेशन (चेक में लिखे शब्द को मिटाना या जोड़ना) से भी फ्रॉड होते हैं।
इन सबको रोकने के लिए आरबीआई ने निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत यदि 50 हजार या इससे अधिक का चेक बैंक में जमा किया गया है तो चेक लगाने वाले व्यक्ति से चेक की तिथि, भुगतान करने वाले व्यक्ति, रकम आदि की जानकारी दोबारा ली जाएगी। इस तरह खाता धारक से सहमति मिलने के बाद चेक को क्लीयर किया जाएगा। इस नई व्यवस्था से फ्रॉड रोकने में बड़ी सहायता मिलेगी। आरबीआई की ओर जारी निर्देश में यह कहा गया है कि रि-चेकिंग की व्यवस्था बैंक स्तर पर होगी। बैंक अपने स्तर पर संबंधित को एसएमएस या फिर मोबाइल ऐप के जरिये चेक की फोटो भेज सकेंगे।