यह भी पढ़ेंः
कोरोना पॉजिटिव मरीज का गुपचुप इलाज करता रहा अस्पताल, संक्रमित की मौत के बाद लाइसेंस सस्पेंड लॉकडाउन के चलते मेरठ ही नहीं, प्रदेश के अन्य जिलों के भी ऐसे युवा कोटा में फंस गए थे जो वहां विभिन्न कोचिंगों में मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैैं। रविवार को बस से छात्र-छात्राओं को बस स्टैंड लाया गया। वहां से उन्हें अलग-अलग क्वारंटाइन किया गया है। सीएमओ डा. राजकुमार ने कहा कि कोटा से आए सभी छात्र-छात्राओं को घर भेजने से पहले उनका रैपिड एंंटीबॉडी टेस्ट कराया जा रहा है। इस किट से 15-20 मिनट में रिपोर्ट आती है। इन सभी छात्र और छात्राओं का रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट आज ही कराया जाएगा। इसके लिए टीमें गठित की गई हैं।
कर्मवीर:
कोरोना से जंग में स्वास्थ्य अधिकारी ने गेस्ट हाउस को ही बना लिया अपना आशियाना, एक महीने से नहीं गए घर प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक 27 विद्यार्थियों के परिजनों ने संपर्क कर मदद मांगी थी। वहीं बच्चों को लेने के लिए इनके परिवार वाले भी पहुंचे। हालांकि उन्हें छात्र-छात्राओं से रैपिड टेस्ट होने तक मिलने से मना कर दिया गया। कोटा से आई छात्रा अनामिका ने बताया कि वे लोग कोटा में अपने हॉस्टल में फंसे हुए थे। हालांकि वहां पर किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं थी। खाने-पीने का सामान मेस से आ रहा था। कोचिंग सेंटर संचालक और सरकार पूरी मदद कर रहे थे। उन्होंने बताया कि यहां पर उनके परिजन परेशान थे। इसलिए ही सरकार और उनके कोचिंग सेंटर वालों ने उनको मेरठ भेजने की व्यवस्था की।
यह भी पढ़ेंः
Meerut: लॉकडाउन के दौरान बाजार खुलने और भीड़भाड़ का वीडियो वायरल, एसएसपी ने शुरू कराई जांच युवक अदित चौहान ने बताया कि वे कोटा में कम्पटीशन की तैयारी कर रहे थे। लॉकडाउन हो गया और सभी छात्र वहां पर फंस गए। उन्होंने बताया कि उनको कोटा में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन परिजन यहां पर परेशान थे। अब कोटा में जो भी बाहर के छात्र थे और तैयारी कर रहे थे वे सभी अपने-अपने घरों को भेज दिए गए हैं।