प्रदेश में चर्चा का विषय बनी मेरठ जेल में उगाई गई साढ़े चार किलो की गाेभी, खासियत जान आप भी रह जाएंगे हैरान
- लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान प्रदेश में जीता पहला इनाम
- चार किलो की गोभी बन गई लोगों के बीच चर्चा का विषय
- राज्यपाल से लेकर सीएम योगी ने की गोभी की तारीफ

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ. आपने मेरठ जेल के बंदियाें के बारे में ताे खूब सुना हाेगा लेकिन आज हम आपकाे मेरठ जेल की गाेभी के बारे में बताने जाने जा रहे हैं।
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चौधरी चरण सिंह कारागार के खेत में उगाई उगाई गई चार किलों की गोभी मेरठ ही नहीं बल्कि प्रदेशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस चार किलो की गोभी को राज्यपाल ( governer ) आनंदी बेन और सीएम योगी आदित्यनाथ ( UP CM Yogi Adityanath ) ने देखा तो वह तारीफ किए बिना नहीं रह सके। बंदियों और कैदियों ने अपनी मेहनत से जेल के खेत में जिस गोभी काे उगाया उसने मेरठ का नाम प्रदेश भर में ऊंचा कर दिया। ये गोभी प्रदेश में पहले स्थान पर आई है। लखनऊ के राजभवन में लगी इस प्रदर्शनी में जिसने भी मेरठ जेल की इस गोभी को देखा वो तारीफ करता नजर आया।
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लखनऊ राजभवन में आयोजित तीन दिवसीय प्रदर्शनी में मेरठ की इस गोभी को पहला स्थान मिला है और शिमला मिर्च को दूसरा स्थान मिला है। तीसरे स्थान पर जौनपुरी मूली व गाजर रही वहां के टमाटर को भी काफी सराहा गया। प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी 2021 का आयोजन राजभवन में छह से आठ फरवरी तक किया गया था। इसमें प्रदेश की 70 जेलों में से करीब 50 जेलों ने प्रतिभाग किया था। जिला कारागार प्रशासन ने गोभी, मूली, गाजर और टमाटर आदि को प्रदर्शनी में शामिल किया था।
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वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा. बीडी पांडेय ने बताया कि मेरठ जेल की गोभी की प्रदर्शनी में खूब सराहा गया। मेरठ जेल की इस गोभी को पहला स्थान मिला। एक फूल गोभी का वजन साढ़े चार किलो था। इसके साथ ही शिमला मिर्च को दूसरा और जेल में उगाई गई जौनपुरी मूली और देसी गाजर को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी प्रदर्शनी में सफलता मिलती रही है। जेल की ओर से टीम लीडर फार्म क्लर्क सुरेश बाबू, जेल वार्डर राम अवतार शर्मा व राजेंद्र सिंह साथ गए थे। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि इस तरह की फसल चार महीने में तैयार होती है। सर्वप्रथम बीज रोपा जाता है। इसके बाद पौध तैयार होती है, उसे रोपने के बाद करीब ढाई माह में गोभी तैयार हो जाती है। खाद-पानी का पूरा ध्यान रखा जाता है। मूली 30 से 40 दिन और गाजर 60 से 80 दिन में तैयार हो जाती है। इस दौरान फसल का पूरा ध्यान रखा जाता है।
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बता दें कि जिला कारागार के पास खेती की काफी जमीन है। यहां पर गेहूं के साथ ही टमाटर, गोभी, गाजर, मूली और आलू के साथ ही अन्य मौसमी सब्जियां भी तैयार होती हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि आसपास के जनपदों की जेल गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, देवबंद के साथ ही बागपत में भी यहीं से सब्जी सप्लाई की जाती हैं।
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