scriptUttar Pradesh Assembly election 2022 : मुस्लिमों को साधने के लिए उलेमाओं के साथ वर्चुअल संवाद करेगी कांग्रेस | Congress made master plan for the Muslim vote bank of Uttar Pradesh | Patrika News
मेरठ

Uttar Pradesh Assembly election 2022 : मुस्लिमों को साधने के लिए उलेमाओं के साथ वर्चुअल संवाद करेगी कांग्रेस

UP Assembly Election 2022 Updates : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े इस्लामिक शिक्षा केंद्रों पर कांग्रेस की नजर। कांग्रस ने शुरू की अपना खोया जनाधार और सियासी वजूद बचाने के लिए उलेमाओं के जरिए मुस्लिमों को अपने पक्ष लाने की कवायद

मेरठJun 04, 2021 / 11:45 am

lokesh verma

congress.jpg
पत्रिका न्यूज नेटवर्क

मेरठ. UP Assembly Election 2022 Updates :सूबे में अपना सियासी वजूद को बचाए रखने और मुस्लिम समुदाय को साधने के लिए कांग्रेस (Congress) अब उलेमाओं के साथ वर्चुअल बैठक शुरू करेगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly election 2022) के लिए उत्तर प्रदेश कांग्रेस (UP Congress) अल्पसंख्यक कमेटी ने हर जिले में उलेमाओं के साथ बैठक करने की रणनीति बनाई है। इसकी शुरुआत पूरब के बस्ती और संत कबीरनगर जिले से हो चुकी है। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, देवबंद, शामली, बिजनौर में भी जल्द ही उलेमाओं के साथ वर्चुअल बैठक होगी।
यह भी पढ़ें- बीजेपी संगठन महामंत्री की बैठक में इन तीन बिंदुओं पर हुई चर्चा, जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएगी फाइनल रिपोर्ट

अब देखना यह है कि उलेमाओं के जरिए कांग्रेस क्या मुस्लिमों को अपने पाले में लाने में कामयाब रहेगी? अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने बताया कि इन बैठकों के जरिए पार्टी प्रदेश के मुस्लिमों की समस्याओं को समझने की कवायद कर रही है। इसके अलावा बैठकों में सुझावों को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के सामने रखा जाएगा, जिससे चुनाव घोषणा पत्र में उनकी मांगों को शामिल किया जा सके।
बता दें कि पश्चिम यूपी में मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ देवबंद, सहारनपुर, मुरादाबाद और बरेली जैसे शहरों में इस्लामिक शिक्षा केंद्र हैं। जहां बड़ी तादाद में उलेमा हैं। कांग्रेस बिजनौर में सोलह सौ उलेमाओं का सम्मेलन अगले सप्ताह करने जा रही है। इसके बाद कांग्रेस उलेमा प्रतिनिधियों की पार्टी के घोषणापत्र कमेटी के प्रमुख सलमान खुर्शीद के साथ बैठक की जाएगी। कांग्रेस उलेमाओं के साथ मुस्लिम समुदाय के तमाम जातियों के साथ अलग-अलग बैठकें भी करेगी।
20 फीसदी के करीब मुस्लिम मतदाता

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में 20 फीसदी के करीब मुस्लिम मतदाता हैं, जो एक दौर में कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक हुआ करते थे। लेकिन, 1989 के बाद ये वोट बैंक कांग्रेस से छिटकर सपा और बसपा के करीब चला गया। ऐसे में कांग्रेस सूबे में अपनी राजनीतिक जड़ें जमाने के लिए मुस्लिम समुदाय को साधने की कवायद में जुट गई है। यूपी में मुस्लिम मतदाता अभी तक अलग-अलग कारणों से अलग-अलग पार्टियों को वोट करते आ रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद मुस्लिमों के वोट करने के तरीके में बदलाव आया है ऐसे में यूपी में भी मुस्लिम मतदाता एकजुट होकर किसी एक पार्टी को वोट दे सकते हैं।
अस्सी के दशक के उदाहरण

माना जा रहा है कि इस बार के चुनाव में मुस्लिम सूबे में उसी पार्टी को वोटिंग करेंगे, जो बीजेपी को हराती हुई नजर आएगी। इसलिए कांग्रेस सूबे में उलेमाओं और मुस्लिम समुदाय के बीच सक्रिय होकर यह बताने की कवायद में जुट गई है तो उसे आपकी चिंता है। इसीलिए कांग्रेस एक के बाद एक कोशिश कर रही है, जिसके लिए अस्सी के दशक के उदाहरण भी दिए जा रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो