व्यापारियों ने कहा कि वे किसानों के साथ तो हैं लेकिन बाजार बंद नहीं कर सकते। कोरोना संक्रमण के चलते वैसे भी काफी आर्थिक नुकसान हो चुका है। इसलिए किसानों के भारत बंद का मेरठ में आशिंक असर ही दिखाई दिया। हालांकि भारत बंद को लेकर किसानों के तमाम संगठन झंडे और बैनर लेकर सुबह 11 बजे ही हाइवे पर आ गए थे और आंदोलन शुरू कर दिया था। दोपहर 3 बजे तक प्रदर्शन का दाैर चला। जगह-जगह हाइवे पर चक्का जाम के चलते राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ स्थानों पर तीन बजे से पहले और कुछ स्थानों पर तीन बजे जाम को खोल दिया गया। भारत बंद आह्रवान को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की थी। मेरठ और आसपास के जिलों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे। मेरठ में हाईवे पर कंकरखेड़ा के जिटोली गांव में भी किसानों ने दोपहर 3 बजे तक धरना दिया। किसानों ने एसडीएम सुनीता सिंह को सौंपा ज्ञापन। जिसमें कृषि बिल को वापस लेने की मांग की।