मेरठ. परतापुर के सोहरका गांव में हुए मां-बेटे के डबल मर्डर के बाद गुरुवार रात दो बजे दोनों का पोस्टमार्टम कर दिया गया। इसके बाद रात तीन बजे ही दोनों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। हालात देखिये कि उस घर में इन दोनों की चिंता को मुखाग्नि देने वाला भी कोई नहीं बचा। मृतक बलवीर के पांच वर्षीय पुत्र वीर ने अपनी दादी और पिता की चिता को मुखाग्नि दी। जिस समय पांच वर्षीय वीर से दादी और उसके पिता को मुखाग्नि दिलवाई जा रही थी उसे खुद कुछ पता नहीं था कि वह क्या कर रहा है।
सगा भाई बोला- तू अपना है, इतनी जमीन का क्या करेगा और मार दी गोलीहर किसी की आंख में थे आंसू गांव के श्मशान घाट पर जिस समय मां-बेटे की चिंता को पांच वर्षीय वीर मुखाग्नि दे रहा था उस समय श्मशान घाट पर मौजूद हर किसी रिश्तेदार की आंखों में आंसू थे। हर किसी की जुबा पर एक ही बात थी कि भगवान ऐसा दिन किसी को न दिखाए।
हत्यारों के खौफ से सहमे ग्रामीण सरेआम दिनदहाड़े सोहरका गांव में निछत्तर कौर उसके पुत्र बलविंद्र की हत्या के बाद गांव में दहशत है। मां-बेटे के अंतिम संस्कार में भी गांव के अधिकांश लोग शामिल नहीं हुए। अंतिम संस्कार में रिश्तेदार ही शामिल हुए। जिस समय हत्यारोपियों ने दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया उस समय उन्होंने ऐलान किया कि अगर किसी ने इस मामले में भी गवाही दी तो उसका भी अंजाम यही होगा।
योगीराज में तड़प-तड़पकर मर गई बेजुबान गाय, लेकिन नहीं पहुंचे गो रक्षा दल के सदस्यफास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा था केस बता दें कि प्रधानी चुनाव की रंजिश में दिसंबर 2015 में हुई सोहरका गांव के नरेंद्र की हत्या का केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा था। जनवरी में तीन तारीख लग चुकी थीं। हत्या में गांव का ही मालू उर्फ सोबीर आरोपी था। 25 जनवरी को गवाही होनी थी, लेकिन उससे पहले ही नरेंद्र के बेटे बलविंद्र और उसकी मां निछत्तर कौर की हत्या कर दी गई।