पंडित भारत ज्ञान भूषण के मुताबिक, ग्रहों के गोचर यानि परिभ्रमण करने से विभिन्न योग बनते हैं, जो मनुष्य के जीवन पर असर डालते हैं। ऐसे ही योगों में से एक है गुरु पुष्य योग। गुरु पुष्य योग सभी मुहर्त में श्रेष्ठ माना जाता है। इसको 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को सर्वश्रेष्ठ कहते हैं। इस योग में दान, धर्म, मंत्र जाप, अनुष्ठान, व्यापार, मकान की नींव, आदि कार्य करने के लिए शुभ माना जाता है, लेकिन इस नक्षत्र योग में विवाह संस्कार वर्जित हैं।
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Weather Update: अगले पांच दिनों तक भीषण ठंड का अलर्ट, बर्फीली हवाओं से जानलेवा हुई सर्दी इन राशियों के लाभकारी शनि व चंद्रमा का नक्षत्र परिवर्तन हो रहा है व गुरु,सूर्य जैसे शुभ ग्रहों की दृष्टि से ही यह अदभुत योग बन रहा है। कर्क राशि व मकर राशि वाले जातकों के लिए यह अत्यंत लाभकारी रहेगा। इसके साथ जिनके भी जन्मांग मे चंद्रमा, गुरु या शनि भी पुष्य नक्षत्र में स्थित होंगे तो उनको भी लाभकारी रहेगा।
गुरु पुष्य योग में किए जाने वाले उपाय पुष्य का अर्थ है पोषक करने वाला व कर्क राशि भी पोषण को दर्शाती है अतः जितना संभव हो सके खाद्य सामग्री का इस दिन दान करें। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि व देवता बृहस्पति है। अतः ब्राह्मण, पुजारी, संत,महात्मा को जूते-मौजे का दान करना विशेष फलदायी होगा। शनि से संबन्धित खाद्य पदार्थ भी दान कर सकते हैं। जैसे काली उरद, सरसो का तेल, काले चने इत्यादि।
ये करने से मिलेगा पुण्य गजेंद्र मोक्ष का पाठ, विष्णु सहस्रनाम, व श्रीसूक्त का पाठ करने से भी धन, लक्ष्मी, वैभव की प्राप्ति होगी। चांदी की डिब्बी में केसर भरकर तिजोरी में रखने से धन की वृद्धि होगी। गंगा स्नान कर गंगा में दूध बताशे या पेड़ा चढ़ाने से भी पुण्य की प्राप्ति होगी।
ये हैं पूजन का मुहूर्त्र प्रातः 7.11 से 8.05 तक
दोपहर 1.27 से 2.21 तक
रात्रि 8.09 से 9.15 तक यह भी पढ़ें-
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