बिल्ली का बच्चा पालने से परिजनों ने किया इनकार तो बच्चे ने कर लिया सुसाइड
इन दोनों होटलों के मालिक कुख्यात बदमाश बदन सिंह बद्दों काे भगाने में शामिल हाेने के आराेपाें में जेल में हैं। हाेटल मालिकों के जेल जाने के बाद प्रशासन ने इनके हाेटल भी सील कर दिए हैं। यही कारण है कि इन हाेटल में काम करने वाले 55 कर्मचारियों की रोजी रोटी भी चली गई है। इसी के चलते कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवार भी भुखमरी के कगार पर हैं।Noida: कैश चोरी नहीं कर सके तो एटीएम ही उखाड़कर ले गए बदमाश
कर्मचारियेां का आरोप है कि होटल में अवैध तरीके से सील लगाई गई है। यानी अपनी परेशानी बताने के बाद अब हाेटल कर्मचारियाें ने इस मामले में वकालत भी शुरू कर दी है। कर्मचारियाें ने अपनी मांगाें काे लेकर प्रदर्शन किया और बाेले कि हाेटल अवैध तरीके से सील किया गया है। कर्मचारियों ने मेरठ जिला प्रशासन से अपने परिजनों सहित इच्छामृत्यु की मांग की है।नाैसेना के रिटायर्ट अफसरों ने नाेएडा पुलिस पर लगाए गंभीर आराेप, सीएम से कार्यवाही की मांग
कर्मचारियों का कहना है कि मालिक काे जेल भेज दिया लेकिन होटल की सील ताे खोल दी जाए। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के भीतर होटलों की सील नहीं खोली गई तो वे अपने परिजनों के साथ डीएम कैंपस में धरना-प्रदर्शन करने के साथ ही अनिश्चितकालीन धरना शरू कर देंगे।ये है मामला
बेरीपुरा थाना टीपी नगर निवासी कुख्यात बदन सिंह बद्दो 28 मार्च 2019 को होटल मुकुट महल से फर्रुखाबाद पुलिस की कस्टडी से फरार हो गया था। पुलिस का दावा है कि होटल मालिक मुकेश गुप्ता को पहले से ही बद्दो की फरारी के प्लान का पता था और वह इस प्लान में शामिल था। पुलिस ने फरारी प्रकरण में मुकेश गुप्ता को मुख्य आरोपी बनाया था लेकिन फरारी के सवा साल बाद भी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। आरोप है कि संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता एक पुलिस अफसर के नाम पर मुकेश गुप्ता से 10 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। होटल व्यवसाई मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा हुआ। उन्होंने आरोप नवीन गुप्ता पर लगाए लेकिन किरकिरी पुलिस विभाग की भी हुई। पुलिस अफसर और व्यापारी नेता के बीच पैसे का लेनदेन हुआ या नहीं इसकी जांच अब आईजी रेंज प्रवीण कुमार कर रहे हैं। इनामी बदन सिंह बद्दो को भगाने में होटल मालिक जेल में है। इसके बाद पुलिस ने दोनों होटल सील कर दिए थे। जिसके चलते होटल में काम करने वाले कर्मचारी अब बेरोजगार होकर सड़क पर भटक रहे हैं।