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कृष्ण जन्माष्टमी ( Krishna Janmashtami ) पर सालों बाद अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र का एक साथ योग नहीं बन रहा है। इसके चलते श्रद्धालु इस बार देश में अलग-अलग दिनों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी ( #janmashtami celebration in india ) मनाएंगे। ऐसे में जन्माष्टमी का पर्व तीन दिन मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि का संयोग 11 अगस्त को है लेकिन उदया तिथि मानने वाले भक्त 12 अगस्त को श्रीकृष्ण का जन्म मनाएंगे। रोहिणी नक्षत्र मानने वाले साधक 13 अगस्त को जन्मोत्सव मना सकते हैं।बुलंदशहर में पिता की हत्या कर चुपचाप संस्कार कर रहे बेटों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
( janmashtami today ) ज्योतिर्विद पंडित भारत ज्ञान भूषण बताते हैं कि निर्णय सिंधु व धर्म सिंधु के अनुसार श्रद्धालु अपनी श्रद्धा व मान्यता से अलग-अलग दिनों में जन्माष्टमी का पर्व मना सकते हैं। उन्होंने बताया कि 11 अगस्त मंगलवार की सुबह 06.14 बजे से अष्टमी तिथि लग जाएगी जो 12 अगस्त की सुबह 08.01 बजे तक रहेगी। दोनों दिन रोहिणी नक्षत्र का योग नहीं है। 11 अगस्त को कृतिका नक्षत्र व मेष राशि में चंद्रमा का संरक्षण होगा। इसमें गृहस्थ वाले भक्त भगवान का जन्मोत्सव मनाएंगे। 12 अगस्त को कृतिका नक्षत्र के साथ चंद्रमा का संचरण वृष राशि में होगा। ऐसी स्थिति में बुधवार को संत-महात्मा जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे। रोहिणी नक्षत्र के मतावलंबी 13 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे, लेकिन उक्त तारीख पर अष्टमी तिथि का योग नहीं मिलेगा।आजम खान के करीबी रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर बेटे संग गिरफ्तार
12 को है विशेष संयोग ( Happy Krishna Janmashtami )
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि, दिन बुधवार, रोहिणी नक्षत्र व वृष राशि में चंद्रमा में संचरण के समय हुआ था। इस बार 12 अगस्त बुधवार को सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ सूर्य व चंद्रमा अपनी उच्च राशि में संचरण करेेंगे साथ ही उदया तिथि के अनुसार अष्टमी तिथि का योग भी मिलेगा (ways to celebrate Janmashtami ) इस याेग में भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने से श्रद्धालुओं की समस्त कामनाएं पूर्ण होंगी।