रात 7:52 बजे के चंद्रमा को दें अर्घ्य पंडित भारत भूषण के अनुसार, वामन पुराण में करक चतुर्थी व्रत का उल्लेख है। यह व्रत कार्तिक कृष्ण की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को किया जाता है। चतुर्थी तिथि शनिवार 23 अक्टूबर को मध्य रात्रि के बाद 12:43 बजे से लेकर रविवार 24 अक्टूबर को मध्यरात्रि के बाद 2:51 बजे तक रहेगी। सुहागिन महिलाएं रात 7:52 बजे के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देंगी।
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ट्रेन में यात्रा करने से पहले कर लीजिए खाने-पीने का इंतज़ाम, वरना रहना पड़ेगा भूखा पांच राजयोगों की जुगलबंदी उन्होंने बताया कि इस बार का करवा चौथ बेहद खास है। पांच योगों की जुगलबंदी (शशमहापुरुष योग, उभयचरी योग, शंख योग, शुभकर्तरी योग, विमल योग) सुहागिनों के अखंड सौभाग्य को बढ़ाएंगे। इस वर्ष करवाचौथ का सूर्यादय भी सुहागिन महिलाओं के जीवन में ऊर्जा का संचार करेगा। उन्होंने बताया कि आज करवा चौथ का व्रत केवल 24 अक्टूबर का ही है। इस समय चंद्रमा अपने प्रिय नक्षत्र रोहिणी तथा अपनी उच्च वृष राशि पर विचरण कर रहे होंगे। जिससे वरयान योग बन रहा है एवं सूर्य स्वाति नक्षत्र में प्रातः 6:13 बजे है।
करक चतुर्थी व्रत को रोहिणी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह करवा चौथ योग अनुसार दांपत्य जीवन में मधुरता लाकर वैवाहिक जीवन को सफल बनाने में मदद तो करेगा। साथ ही संतान उत्पत्ति के योग बना सकेगा अर्थात जिनके संतान नहीं हो पा रही हो, इस वर्ष संतान सुख की अधिक उम्मीद बढ़ सकेगी। यह व्रत सुहागिनों स्त्रियों के अखंड सौभाग्य प्राप्ति का महान अवसर होता है।