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कोविड-19 फंड के नाम पर मिस्टर क्लीन ने किया करोड़ों का खेल: इमरान मसूद बता देें कि फाजलपुर के अनूपनगर में 20 वर्षीय रूपक की हत्या 26 जून को उसके अपने ही दोस्तों ने घर से बुलाकर कर दी थी। हत्यारोपियों ने स्वीकार किया था कि उन्होंने रूपक के शव के टुकड़े कर बोरवेल में डाल दिए थे। उसके बाद पुलिस ने 50 मीटर तक बोरवेल की खुदाई की और कुछ अवशेष भी निकाले। लेकिन, इसमें जो मशीनें लगी थी वह गहराई तक नहीं जा पायी तो पुलिस को बोरवेल की खुदाई का काम बीच में ही रूकवाना पड़ा। मृतक इकलौते बेटे के शव की एक झलक देखने के लिए रूपक की मां अब अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गई है। वहीं, अब पुलिस ने इस बार नए सिरे से कोशिश शुरू की है। मेरठ-दिल्ली के बीच रैपिड रेल का ट्रैक तैयार करने में लगी मशीनें बोरवेल से रूपक के शव के टुकड़ों को निकालने का काम करेंगी। इन मशीनों को वहां पहुंचाने के लिए पक्का रास्ता चाहिए। उसके लिए करीब 300 मीटर के रास्ते को पक्का किया जा रहा है।
इस मामले में एडीजी राजीव सब्बरवाल और एसएसपी अजय साहनी ने एनडीआरएफ की मदद भी ली थी, लेकिन वे भी शव के टुकडों को नहीं निकाल सकी थी। कई एजेंसियों से भी संपर्क किया गया। उन्होंने जगह देखने के बाद बोरवेल से शव निकालने से मना कर दिया था। क्योंकि यहां शव निकालने के लिए करीब 150 मीटर खुदाई करनी पड़ेगी। केवल रैपिड रेल के इंजीनियरों ने खुदाई करने की चुनौती स्वीकारी। अब इसमें बड़ी दिक्कत ये थी कि रैपिड रेल की मशीन कच्चे रास्ते से कैसे बोरवेल तक पहुंच पाती। इसके लिए अब यहां करीब 300 मीटर का कच्चा रास्ता पक्का करवाया जा रहा है, ताकि मशीनें यहां तक पहुंच सकें। कच्चे रास्ते को पक्का करवाने में दिक्कत आयी, लेकिन एसएसपी अजय साहनी की ओर से लोगों से मदद ली गई और उसके बाद बोरवेल तक रास्ता पक्का करने के लिए ईंटें पहुंच गईं। एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि अब जल्द ही रेपिड प्रोजेक्ट में लगी मशीनों से रूपक के शव के अवशेषों को निकाला जाएगा।
47 दिन पहले हुई थी रूपक की हत्या अनूपनगर के 20 वर्षीय रूपक की उसके दोस्त विकास, मनीष, निसार, विशाल और अमरदीप ने 26 जून को घर से बुलाकर हत्या कर दी थी। उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर एक बोरवेल में डाल दिए थे। पुलिस इस मामले में सभी आरोपियों को जेल भेज चुकी है। साथ ही बोरवेल की 50 मीटर खुदाई करने के बाद कुछ अवशेष भी निकाले गए, जिन्हें परीक्षण के लिए भेजा जा चुका है।