नरसिंहानन्द ने इसे सनातन धर्म की सन्यासी परम्परा का अपमान बताते हुए कहा कि इस तरह के लोग यूँ ही सनातन धर्म और सनातन संस्कृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ये लोग धर्म और संस्कृति का मजाक बनाते रहेंगे। सन्तों को इस खतरे को कम करके नहीं आंकना चाहिये क्योंकि सन्त समाज अपने लोगों की श्रद्धा पर ही जीवित रहता है। उन्होंने कहा कि आम लोग सन्तों के मार्गदर्शन पर ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं। यदि सन्त समाज और जनता का यह रिश्ता टूट गया तो समाज बहुत जल्दी अपना अस्तित्व खो देगा। ऐसे लोग ही सनातन धर्म के विरोधी हैं।
यदि सनातन धर्म के धर्मगुरुओं का समाज इस अनिष्ट को होते हुए यूँ ही देखता रहेगा तो धर्म के विनाश का सबसे बड़ा दोषी सन्त समाज ही होगा। दिव्यांग सन्त बालयोगी ज्ञाननाथ ने भी इस कृत्य की निंदा करते हुए कहा कि राधे माँ जैसा पवित्र नाम रखकर बिग बॉस में जाकर सनातन धर्म का मजाक बनवाया गया है। वह समाज की उपेक्षा और दण्ड के योग्य है। सभी सन्तों को एकमत होकर ऐसे लोगों का बहिष्कार करना चाहिये।
शिवशक्ति धाम के सन्तों ने इस घटना के विरोध में एक दिन का स्वैच्छिक उपवास भी रखा।उपवास रखने वालों में यति सत्यदेवानन्द सरस्वती, यति सेवानन्द सरस्वती, यति शिवानन्द सरस्वती,स्वामी धर्मानन्द गिरी जी,अनिल यादव,बृजमोहन सिंह तथा दूसरे सन्यासी शामिल हैँ।