मेरठ ( meerut news ) मंडल से पांच खेल प्रतिभाएं टोक्यो ओलंपिक में अपने दम पर प्रदर्शन करने जा रही हैं। इन खिलाड़ियों को कोई सरकारी सहायता नहीं मिली उसके बावजूद भी इन्होंने टोक्यो ओलंपिक के लिए टिकट प्राप्त कर लिया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छिपी खेल प्रतिभाओं को भाजपा की योगी सरकार ने पहचाना और अब मेरठ में करीब 700 करोड रुपये की लागत से राज्य खेल विश्वविद्यालय ( Sports University ) की स्थापना करने जा रही है। इसके लिए कैबिनेट में भी प्रस्ताव पास कर दिया गया है। खेल विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए सिंचाई विभाग से भूमि लेने का रास्ता साफ कर दिया गया है। सिंचाई विभाग की वन संरक्षित जमीन के आदान प्रदान को लेकर अहम निर्णय किया गया।
सिंचाई विभाग उपलब्ध कराएगा जमीन
खेल विश्वविद्यालय के लिए सिंचाई विभाग ने 23.747 हेक्टेयर वन संरक्षित भूमि उपलब्ध कराई है। हालांकि स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद ने 25 जनवरी को पास किया था। तहसील सरधना के ग्राम सलावा व कैली में उपलब्ध सिंचाई विभाग के स्वामित्व की 36.9813 हेक्टेयर वन संरक्षित भूमि पर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी। इस भूमि पर अवस्थित भवनों की प्रतिपूर्ति व उनके वैकल्पिक स्वरूप के लिए लगभग तीन करोड़ रुपये सिंचाई विभाग को दिए जाएंगे। यह भूमि वन संरक्षित होने के कारण इस भूमि पर निर्माण कार्य की अनुमति के लिए वन विभाग को क्षतिपूरक वनीकरण के लिए भूमि व कुछ निर्धारित शुल्क दिया जाएगा। खेल विभाग प्रस्तावित भूमि के बदले मेरठ के हस्तिनापुर पांडवान स्थित सेंच्यूरी क्षेत्र में अपने स्वामित्व वाली करीब 40 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को क्षतिपूरक वनीकरण के लिए देगा।
खेल विश्वविद्यालय के लिए सिंचाई विभाग ने 23.747 हेक्टेयर वन संरक्षित भूमि उपलब्ध कराई है। हालांकि स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद ने 25 जनवरी को पास किया था। तहसील सरधना के ग्राम सलावा व कैली में उपलब्ध सिंचाई विभाग के स्वामित्व की 36.9813 हेक्टेयर वन संरक्षित भूमि पर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी। इस भूमि पर अवस्थित भवनों की प्रतिपूर्ति व उनके वैकल्पिक स्वरूप के लिए लगभग तीन करोड़ रुपये सिंचाई विभाग को दिए जाएंगे। यह भूमि वन संरक्षित होने के कारण इस भूमि पर निर्माण कार्य की अनुमति के लिए वन विभाग को क्षतिपूरक वनीकरण के लिए भूमि व कुछ निर्धारित शुल्क दिया जाएगा। खेल विभाग प्रस्तावित भूमि के बदले मेरठ के हस्तिनापुर पांडवान स्थित सेंच्यूरी क्षेत्र में अपने स्वामित्व वाली करीब 40 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को क्षतिपूरक वनीकरण के लिए देगा।
उदीयमान खिलाड़ियों को मिलेगा बेहतर प्रशिक्षण और सुविधाएं
खेल क्रिकेट का हो या फिर और कोई सभी में मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की प्रतिभाओं ने जबरदस्त प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभाओं का लोहा मनवाया है। बिना किसी सरकारी मदद और सुविधाओं के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खेल प्रतिभाएं अपने दम पर मेडल लाते रहे हैं। अब मेरठ में ही स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बन रही है तो ऐसे में यहां खेलों के विकास व उदीयमान खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण के साथ ही सुविधाएं भी मिलेगी। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में शारीरिक शिक्षा, हेल्थ एंड एप्लाइड स्पोर्ट्स साइंसेज, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी स्पोर्ट्स कोचिंग, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म एंड मास मीडिया टेक्नोलाजी, एडवेंचर स्पोर्ट्स एंड यूथ अफेयर्स के निर्धारित पाठ्यक्रमों के जरिए स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, एमफिल व पीएचडी तक की शिक्षा की सुविधा होगी। खेल विश्वविद्यालय में स्पोर्ट्स संबंधी विषय में सैद्धांतिक ( थ्योरी ) व प्रायोगिक ( प्रैक्टिकल) प्रश्नपत्रों के आधार पर डिग्री दी जाएगी।
खेल क्रिकेट का हो या फिर और कोई सभी में मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की प्रतिभाओं ने जबरदस्त प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभाओं का लोहा मनवाया है। बिना किसी सरकारी मदद और सुविधाओं के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खेल प्रतिभाएं अपने दम पर मेडल लाते रहे हैं। अब मेरठ में ही स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बन रही है तो ऐसे में यहां खेलों के विकास व उदीयमान खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण के साथ ही सुविधाएं भी मिलेगी। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में शारीरिक शिक्षा, हेल्थ एंड एप्लाइड स्पोर्ट्स साइंसेज, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी स्पोर्ट्स कोचिंग, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म एंड मास मीडिया टेक्नोलाजी, एडवेंचर स्पोर्ट्स एंड यूथ अफेयर्स के निर्धारित पाठ्यक्रमों के जरिए स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, एमफिल व पीएचडी तक की शिक्षा की सुविधा होगी। खेल विश्वविद्यालय में स्पोर्ट्स संबंधी विषय में सैद्धांतिक ( थ्योरी ) व प्रायोगिक ( प्रैक्टिकल) प्रश्नपत्रों के आधार पर डिग्री दी जाएगी।